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गोण्डा: यूरिया की कमी दूर होने से प्रशासन ने ली राहत की सांस

रजनीश/ज्ञान प्रकाश 

करनैलगंज गोंडा। बारिस के बाद किसानों को यूरिया की आवश्यकता के सापेक्ष अधिक उर्वरक जिले में आ चुकी है। लगातार यूरिया की खेप आने का क्रम जारी है।


यूरिया की मारामारी के बीच लगातार आ रही रैक के बाद यूरिया की मांग कम हो गई है।

एक सप्ताह में लगातार आधा दर्जन यूरिया की रेक आने के बाद अब प्रशासन व कृषि विभाग के अधिकारियों ने राहत की सांस ली है। 


उधर डीएम मार्कण्डेय शाही के निर्देश पर उर्वरक व्यापारियों के यहां औचक निरीक्षण व छापेमारी के क्रम जारी है। 


जिला कृषि अधिकारी जेपी यादव ने बताया कि उर्वरक की जिले में कोई कमी नही है। आवश्यकता से अधिक उर्वरक आ चुकी है। 


उर्वरक की कालाबाजारी या निर्धारित मूल्य से अधिक मूल्य पर उर्वरक की विक्री न हो इसके लिए छापेमारी की जा रही है। 


इसके अलावा व्यापारी के दुकान व गोदाम में उपलब्ध उर्वरक के स्टॉक का मिलान पीओएस मशीन से किया जाता है। 


यदि कोई भी व्यापारी बिना आधार व बिना पीओएस मशीन से बिक्री करता पाया जाता है तो उसके विरुद्ध कार्रवाई की जा रही है। 


जिला कृषि अधिकारी ने बताया कि जनवरी प्रथम सप्ताह में कृभको, चम्बल फर्टिलाइजर, चाँद, यारावेरा एवं इंडोगल्फ कंपनी के यूरिया की रेक लग चुकी है। 



इसके अलावा इस सप्ताह इफ्को के साथ दो अन्य कंपनी की रैक जिले को प्राप्त हो रही है। 


जिससे यूरिया की कमी दूर दूर तक नहीं होने दी जाएगी। उन्होंने बताया कि जिले में चारों तहसील की अलग-अलग टीमें बनाई गई है। जो लगातार उर्वरक की दुकानों पर छापेमारी और औचक निरीक्षण करती रहेंगी और किसानों से जानकारी करेंगे कि कोई उर्वरक का व्यापारी बढ़े कीमत पर खाद की बिक्री तो नहीं कर रहा है। यदि ऐसी दशा में किसी व्यापारी की शिकायत पाई जाती है तो उसके विरुद्ध आवश्यक वस्तु अधिनियम एवं अन्य धाराओं के तहत मुकदमा पंजीकृत कराया जाएगा। उसके विरुद्ध विभागीय कार्रवाई भी की जाएगी।

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