सुनील गिरी
उत्तर प्रदेश के जनपद हापुड़ की गढ़मुक्तेश्वर विधानसभा की सपा गठबंधन प्रत्याशी नैना सिंह ने आज एक प्रेस कांफ्रेंस की।
आपको बताते चलें की गढ़मुक्तेश्वर विधानसभा सीट से तीन बार के जीते हुए प्रत्याशी व राज्य मंत्री रहे मदन चौहान का टिकट कटने व नैना सिंह को गढ़मुक्तेश्वर से प्रत्याशी बनाया गया है।
जहां उन्होंने पत्रकारों से बात करते हुए बताया के मैं एक राजनीतिक परिवार से जुड़ी हुई हूं मेरे पिताजी हरीश पाल सांसद रहे हैं तो ऐसा बिल्कुल नहीं है कि मेरा राजनीति से कोई वास्ता नहीं है ।
माननीय राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव जी ने मुझे गढ़मुक्तेश्वर से प्रत्याशी बनाया है और मैं कोई बाहर की बाहरी प्रत्याशी नहीं हूं। मेरी खेती की जमीन गढ़मुक्तेश्वर में ही है ।
अगर क्षेत्र की जनता मुझे जिता कर विधानसभा भेजेगी तो मैं क्षेत्र की जनता के बीच हमेशा रहूंगी और मेरा सबसे ज्यादा फोकस क्षेत्र में महिलाओं किसानों छात्रोंओ को लेकर रहेगा।
मैं सभी लोगो की हक की आवाज विधानसभा में उठाने का का काम करूंगी और जो भी सरकार की योजनाएं होंगी उनका शत प्रतिशत लाभ दिलाने का पूरा प्रयास रहेगा।
तो वहीं अगर टिकट ना मिलने की वजह से समाजवादी पार्टी के पूर्व विधायक मदन चौहान पार्टी से बगावत करते हैं तो कहीं ना कहीं इसका असर समाजवादी पार्टी की सीट पर देखने को मिल सकता है।
क्योंकि मदन चौहान तीन बार यहां से विधायक बन चुके हैं और पिछली सरकार में मदन चौहान को राज्य मंत्री भी बनाया गया था।
लेकिन 2017 का चुनाव हारने के बाद से मदन चौहान क्षेत्र में सक्रिय रुप से कार्य करते रहे जिसका कहीं ना कहीं उन्हें लाभ मिल सकता है।
कांफ्रेंस के दौरान अगर बात की जाए कोविड-19 प्रोटोकॉल की तो समाजवादी नेताओं द्वारा इसका जरा भी ध्यान नहीं दिया गया और सामाजिक दूरी का न तो पालन किया गया।
जबकि केवल दो चार लोग ही मास्क लगाए हुए दिखाई दिए लेकिन जिस तरह से एक दूसरे से चिपके हुए लोग खड़े थे जो कोरोना के दौरान बिल्कुल सही नहीं है ।
ऐसा हरगिज नहीं होना चाहिए राजनीतिक दलों को कम से कम इस कोविड-19 के दौरान इतना तो ध्यान रखना ही चाहिए की भीड़ में अगर एक व्यक्ति भी संक्रमित हुआ वह न जाने कितने लोगों तक संक्रमण पहुंचा सकता है।
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