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प्रतापगढ़:मेडिकल कॉलेज के अस्तित्व में आते ही बढ़नी शुरू हुई जिला अस्पताल में सुविधाएं

शरीर के 'गांठो की रोगों का पहचान दिला रहा है एफएनएसी(साइटोलाजी) जांच

सेंट्रल क्लिनिकल लैब की प्रभारी डॉ. दीपिका के नेतृत्व में आधा दर्जन टीम कर रही है कार्य

(एस.के.शुक्ला)

प्रतापगढ़। जनपद में मेडिकल कॉलेज के अस्तित्व में आते ही दूर-दराज से इलाज कराने आने वाले मरीजों के लिए दिन प्रतिदिन सुविधाएं बढ़ती ही जा रही है। 



जिला अस्पताल के मेडिकल कॉलेज में सुविधाएं बढ़ने के चलते अब मरीजों व तीमारदारों को दर- बेदर भटकने राहत मिली है।

इन दिनों जिला अस्पताल(मेडिकल कॉलेज)में मरीजों को विभिन्न सुविधा उपलब्ध कराने के लिए तरह-तरह के प्रयास किए जा रहे हैं,जिसमें कुछ गम्भीर बीमारियों के इलाज के लिए अब मरीज व उनके तीमारदारों को अन्य जगहों पर भटकना नहीं पड़ रहा है और न ही उन्हें बाहर जाकर जेब ढीली करनी पड़ रही है।


 

जिला अस्पताल मेडिकल कॉलेज के सेंटल क्लीनिकल लैब में इन दिनों शरीर में होने वाले विभिन्न प्रकार के गांठ से निजात दिलाने के लिए फाईन निडिल एक्सप्रेशन साईटोलाजी (एफएनएसी) साइटोलाजी जांच बेहतर कार्य कर रहा है। 



चिकित्सालय में यह जांच अभी शुरू हुई है। अस्पताल में गांठो की जांच के लिए एफएनएसी  (साइटोलाजी)रामबाण साबित हो रहा है।इस जांच से जल्द ही रोग की पहचान हो जा रही है। 


इस बावत सेंट्रल क्लिनिकल लैब की प्रभारी डॉ. दीपिका केसरवानी ने बताया कि एफएनएसी जांच से शरीर की ऐसी गांठे जो आगे जाकर कैंसर का रूप ले रही हैं या बन गई हैं, इन बीमारियों के बारे में जांच करके जल्द पता लगाया जा सकता है। 


उन्होंने बताया कि इसके अलावा इन गांठो की जांच से टीबी व अन्य बीमारियों की भी पहचान की जा सकती है। 


उक्त कार्य में सेंट्रल क्लिनिकल लैब की प्रभारी डॉ. दीपिका केसरवानी के साथ डॉ. रिचा पाण्डेय व डॉ. अमित कुमार सिंह के नेतृत्व वाली टीम में कोरोना योद्धा की पहचान स्थापित करने वाले कार्यरत लैब टेक्नीशियन सौरभ मिश्रा व राम प्रकाश मिश्रा,अमृता पांडेय,सत्यम पाण्डेय, पुष्पेन्द्र सिंह आदि अपने दायित्व का निर्वाहन सेवा भाव से कर रहे हैं।

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