संस्थान के संस्थापक ज्योतिषाचार्य पंडित अतुल शास्त्री के नेतृत्व में कड़ू के शुभचिंतक मुम्बई से औरंगाबाद पहुंचे।
इसके बाद शुभचिंतकों ने दैनिक भास्कर के कार्यालय में दिनकर कड़ू को महाकाल का अंगवस्त्र एवं प्रसाद भेंट किया।
इस अवसर पर ज्योतिषाचार्य पंडित अतुल शास्त्री, आचार्य नित्यानंद मिश्र, दैनिक नवभारत के ठाणे प्रभारी राकेश पांडेय, वरिष्ठ पत्रकार एचपी तिवारी, श्याम तिवारी एवं अन्य लोग उपस्थित थे।
हर क्षेत्र पर विस्तार से हुई चर्चा
गौरतलब है कि 6 माह पूर्व कड़ू की नियुक्ति औरंगाबाद दैनिक भास्कर के कार्यकारी सम्पादक के पद पर हुई थी।
इसके पहले दिनकर कडू दैनिक नवभारत में बतौर फीचर एडिटर के तौर पर कार्य कर चुके हैं।
दिनकर कड़ू नवभारत संघ प्रदेश व पुणे एडिशन के प्रभारी भी रह चुके हैं।
इस दौरान ज्योतिष, राजनीतिक, धार्मिक एवं अन्य क्षेत्रों पर विस्तार से चर्चा हुई।
उपेक्षा का शिकार ज्योतिष शास्त्र
पंडित अतुल शास्त्री ने कहा कि ज्योतिष के क्षेत्र में पहले से ही शोध होता आ रहा है, लेकिन कुछ वर्षों से इस पर सरकार ध्यान नहीं दे रही है ।
ज्योतिषाचार्य पंडित अतुल शास्त्री ने कहा कि ज्योतिष एक विज्ञान की तरह है, जिसका महत्व पहले भी था आज भी है और आगे भी रहेगा। ज्योतिष के प्रति युवा पीढ़ी को जोड़ने की जरूरत है।
यह तभी संभव हो पायेगा,जब उन्हें अध्ययन का बेहतर माहौल मिलेगा। आज हर चीज पर शोध हो रहा है, ऐसे में ज्योतिष को पीछे नहीं छोड़ा नहीं जा सकता ।
सरकार और समाज गहराई से करे चिंतन
अतुल शास्त्री ने सरकार से मांग करते हुए कहा, हमारी संस्कृति वसुधैव कुटुंबकम की रही है। हिन्दू धर्म का एक अलग ही अपना महत्व है।
हम पत्थर को भगवान मानकर पूजते हैं तो नदियों को मां का दर्जा देते हैं। पेड़-पौधों की भी हम पूजा करते हैं। ऐसे में सरकार और समाज को इस पर गहरा चिंतन करने की आवश्यकता है।
कोरोना ने पुरोहित पंडितों को किया तबाह
चर्चा के दौरान अतुल शास्त्री ने कहा कि वैश्विक महामारी कोरोना ने हर क्षेत्र को तबाह कर दिया है, लेकिन पुरोहित एवं कर्मकांडी पंडितों के सामने गम्भीर समस्या खड़ी हो गयी है।
उन्होंने कहा कि यह वर्ग किसी के सामने हाथ फैला नहीं सकता।और न किसी प्रकार कोई आरक्षण का लाभ ले पाता है।और इस वर्ग को न तो सरकार और न ही निजी संस्थाएं ही मदद करती हैं।
हर वर्ग की तरह पंडितों को मिले सुविधा
लॉक डाउन के दौरान पंडितों एवं पुजारियों के कई परिवार भुखमरी के कगार पर पहुँच गए है।
अतुल शास्त्री ने इस चर्चा के दौरान सरकार से मांग की है कि हर वर्ग की तरह पंडितों के लिए भी सरकार ध्यान दें ।और सरकार धर्म अध्यात्म संस्कृति बचाने का हर संभव प्रयास करें।
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