कुछ लोग जहाँ में ऐसे है
जो जीते परमार्थ के लिये,
रहते है सहायता के लिये,
कुछ.......
अपना तन मन लुटाते है,
देश और धर्म के लिये
जो चमकते है प्रकाश बनकर
सदा के लिये,
कुछ........
ना आगे सोचते
ना पीछे सोचते
जीते है सदा सेवा के लिये,
सर कटाना मामूली है,बात है
अपने आन बान स्वाभिमान
के लिये
कुछ.......
इतिहास उठा कर देख लिजे,
कष्ट सहते जग के लिये,
सत सत नमन करती हूँ,
ऐसे वीर बलिदानी को,
इनका सपना होता है,
सब साथ रहे मिल
झुल कर रहे
कुछ........
था नाम उसमे साहिब
श्री गुरू गोविन्द सिंह
बलिदानी,का,चलो
सब मिल झुल मनाये
प्रकाश उत्सव महादानी का
कुछ........
नंदिता एकांकी
प्रयागराज (उ. प्र.)
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