वेद व्यास त्रिपाठी
प्रतापगढ़। रानीगंज कैथौला स्थित सरदार पटेल इण्टर कालेज तथा बालिका इण्टर कालेज एवं कान्वेंट स्कूल के तीन दिवसीय वार्षिकोत्सव एवं क्रीड़ा प्रतियोगिता का शनिवार को समारोहपूर्वक समापन हुआ।
कार्यक्रम का शुभारंभ केन्द्रीय कांग्रेस वर्किग कमेटी के सदस्य प्रमोद तिवारी ने मां सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण कर किया।
विद्यालय की छात्राओं खुशी मौर्य, प्राची तिवारी, मुस्कान सरोज व रीनू तिवारी ने सरस्वती वंदना तथा स्वागत गान की मनमोहक प्रस्तुतियां दी।
बतौर मुख्यअतिथि सीडब्ल्यूसी मेंबर प्रमोद तिवारी ने कहा कि मेधा की शक्ति की बदौलत ही आज भारत दुनिया मे ज्ञान और विज्ञान के क्षेत्र मे सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन कर रहा है।
उन्होनें कहा कि भारत का ज्ञान और मिलीजुली संस्कृति की ताकत ही है कि हम आज धरती से अंतरिक्ष तक हर मुकाम पर सफलता के कदम बढ़ा सकने मे समर्थ है।
श्री तिवारी ने छात्र छात्राओं से अध्ययन के क्षेत्र मे अपनी अभिरूचि को बढ़ाने का आहवान करते हुए श्रेष्ठ नहीं सर्वश्रेष्ठ स्पर्धा के लिए तैयार होने के भी मंत्र दिये।
वहीं प्रमोद तिवारी ने कोरोना के संभावित संक्रमण का जिक्र करते हुए लोगों से एहतियाती बचाव पर सतर्कता का भी आहवान किया।
प्रमोद तिवारी ने युवा पीढ़ी को आत्मनिर्भर होने की सीख देते हुए कहा कि बढ़ती मंहगाई तथा बेरोजगारी से मुकाबला करने के लिए युवा शक्ति को जागरूक भूमिका निभाने के लिए आगे बढना होगा।
श्री तिवारी ने क्षेत्रीय विधायक आराधना मिश्रा मोना की ओर से विद्यालय मे शिक्षण कक्ष के लिए डेढ़ लाख रूपये दिये जाने की भी जानकारी प्रदान की।
वहीं मुख्यअतिथि प्रमोद तिवारी के हाथों क्रीड़ा प्रतियोगिता मे सफल प्रतिभागियों को प्रशस्ति पत्र मिलने पर मेधावियों के चेहरे पर सुनहली मुस्कान भी खिल उठी।
कार्यक्रम के संयोजक मार्तण्ड प्रताप सिंह ने स्वागत भाषण मे शैक्षिक प्रगति आख्या प्रस्तुत की।
समारोह की अध्यक्षता प्रबंधक पूर्व प्रधानाचार्य लाल गीतेश्वर प्रताप सिंह व संचालन शिक्षक एवं साहित्यकार हरि बहादुर सिंह ने किया।
आभार प्रदर्शन शेख मुंशीरजा अनीस ने किया। मुख्य अतिथि प्रमोद तिवारी ने तीन दिवसीय क्रीड़ा प्रतियोगिता के ध्वज का अवरोहण भी किया।
इस मौके पर ब्लाक प्रमुख अमित सिंह, चेयरपर्सन प्रतिनिधि संतोष द्विवेदी, ददन सिंह, भगवती प्रसाद तिवारी, ज्ञानप्रकाश शुक्ल, कुंवर ज्ञानेन्द्र सिंह, महादेव मिश्र बम-बम, हरिपाल ओझा, लल्लन सिंह, छोटे लाल सरोज, पप्पू तिवारी, संगीताचार्य राजहंस शुक्ल, हरिश्चंद्र विश्वकर्मा, आदित्य तिवारी, भूपेन्द्र तिवारी, शास्त्री सौरभ, राकेश त्रिपाठी आदि रहे।
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