सपा नेताओ ने पूर्व प्रधानमंत्री की जयंती किसान दिवस के रूप में मनाई
अजय वर्मा
लखीमपुर खीरी;गुरुवार को किसान मसीहा पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय चौधरी चरण सिंह की जयंती सपा नेताओं के द्वारा धूमधाम से मनाई गई।
इस अवसर पर सपा कार्यकर्ताओं ने चौधरी चरण सिंह के चित्र पर माल्यार्पण कर उन्हें याद कर विचार गोष्ठी का भी आयोजन किया जिसमें सपा नेताओं ने उनके व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर विस्तृत प्रकाश डाला।
गुरुवार को जिला मुख्यालय पर सपा नेताओं द्वारा हजारों सपा कार्यकर्ताओं व किसानों के साथ पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह की जयंती के अवसर पर 141 विधान सभा धौरहरा से करीब एक सौ गाड़ियों के साथ अपने लाव लश्कर के साथ पहुचें वरुण यशपाल चौधरी ने अपने संबोधन में कहा कि चौधरी चरण सिंह ने एक साधारण परिवार में जन्म लेने के बाद अपनी संघर्ष क्षमता और योग्यता के बल पर देश के प्रधानमंत्री के पद को सुशोभित किया।
उनका जन्म 23 दिसम्बर 1902 को नूरपुर गांव (बाबूगढ़ छावनी के निकट) तहसील हापुड़, ग़ाज़ियाबाद में हुआ था।
चौधरी साहब ने छोटी सी उम्र में गांव, गरीब, किसान का शोषण देखा और उनके हृदय में शोषण के खिलाफ बीजारोपण हुआ।
उन्होंने किसानों की भलाई के लिए आजीवन संघर्ष किया इसलिए उन्हें किसानों का मसीहा भी कहा जाता है। साथ ही बताया कि आगरा विश्वविद्यालय से वकालत की शिक्षा ग्रहण करने के बाद वर्ष 1928 में ग़ाज़ियाबाद में वकालत प्रारम्भ की।
वह हमेशा न्यायपूर्ण मुकदमों को ही स्वीकार करते थे। गांधी जी के आवाहन पर सविनय अवज्ञा आंदोलन में भाग लिया और हिंडन नदी पर नमक बनाने का कार्य किया।
जिसमें उन्हें 6 माह की सजा भी हुई। इस दौरान सपा नेता ने किसानों को संबोधन के दौरान विरोधी पार्टी पर कटाक्ष करते हुए कहा कि जहां पूर्व प्रधानमंत्री स्व.चौधरी साहब ने आजीवन किसानों की भलाई के लिए कार्य किया वहीं वर्तमान भाजपा सरकार में किसान सड़कों पर न्याय पाने के लिए आंदोलनरत है लेकिन सरकार तानाशाही रवैया अपनाए हुए है।
इस दौरान जिले भर से आये सपा के वरिष्ठ नेताओं के साथ साथ धौरहरा क्षेत्र के मंगूलाल राजपूत,भरत पटेल,विकास यादव,अवनीश वर्मा,कृष्णमोहन वर्मा,जुगलकिशोर वर्मा,प्रेमसागर वर्मा, अनिल पांडेय ,रामपाल यादव,ज्ञानप्रकाश पांडेय,धीरू वर्मा,अजय वर्मा,पंकज साहू,विनोद यादव,जीतराम वर्मा,जहीर खान,तौकीर,सुभाष पांडेय,मनीष शुक्ला आदि हजारों की संख्या में समेत हजारों की संख्या में किसान मौजूद रहे।
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