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करनैलगंज के सरयू तट पर चल रहे श्री राम कथा महोत्सव में उमड़ा जनसैलाब

रजनीश / ज्ञान प्रकाश

करनैलगंज(गोंडा)। करनैलगंज के सरयू तट पर चल रहे श्री राम कथा महोत्सव में भगवान श्रीराम के संस्कार को अपनाने वाले व्यक्ति के जीवन मे संसार की कोई भी समस्या, दुःख, तकलीफ न आने की कथा का वर्णन किया गया।


अंतरराष्ट्रीय कथा वाचक देवी हेमलता शास्त्री ने इस मौके पर धनुषयज्ञ की कथा कहते हुए कहा कि राजा जनक ने जब अपनी पुत्री सीता के स्वयंबर के लिए धनुषयज्ञ का आयोजन किया।


 सीता स्वयंबर में राजा जनक ने बड़े-बड़े राजाओ को निमंत्रण पत्र भेजा। कई देश देशांतर के राजा, गन्धर्व, रक्षस मनुष्य का रूप धारण कर के स्वयंबर में आये। जनक ने सीता स्वयम्बर के लिए लिया गया अपना प्रण उपस्थित राजाओ को सुनाया। 


जो भी राजा की शिव धनुष को तोड़ेगा उसी के साथ अपनी पुत्री सीता का विवाह करूंगा। यह सुनकर तमाम राजाओं ने सीता स्वंयम्बर में जनकपुर पहुँचकर जोर आजमाइश की। 


धनुषयज्ञ में पहुँचे राजाओं ने धनुष तोड़ने के लिए जोर आजमाइश की मगर कोई भी राजा शिव धनुष को भंग न कर सका। राजा जनक की चुनौती पूर्ण बात सुनकर गुरु सहित राजकुमार लक्ष्मण गुस्से से तमतमा उठे। 


इसी बात पर ऋषि विश्वामित्र की आज्ञा पाकर भगवान रामचन्द्र जी उठते है  और बिजली की चमक मात्र पल में शिव धनुष को पकड़ते ही शिव धनुष टूट जाता है।



 धनुष भंग होने के बाद राजा जनक अपने अपनी पुत्री सीता का विवाह राम के साथ करते है। सीता जी श्रीराम के गले में जयमाला डालती है। जयमाला डालते ही देवता लोग पुष्प वर्षा करते है। 


इस कथा को सुनकर श्रद्धालु भावविभोर हो गए। इस मौके पर भारी भीड़ रही। चांदनी ग्रुप ऑफ फाउंडेशन के किन्नरों ने मौके पर पहुंच कर कार्यक्रम में आयोजक व कथा वाचक सहित पूरी टीम को सम्मानित किया तथा भगवान राम के विवाहोत्सव पर डांस करके लोगों को आकर्षित किया। 


सन्तोष कुमार, प्रकाश जायसवाल, रामजी मोदनवाल, प्रमोद सिंहानिया, आशीष शुक्ला, डॉ. जेपी राव, मोहित पांडेय, अरुण वैश्य, शिवकुमार बाथम, सत्येन्द्र यज्ञसेनी, महेन्द्र यज्ञसेनी,  गिरीश कुमार शुक्ल, महेश कुमार गुप्ता, समीर गुप्ता, मुकेश सोनी, अशोक कुमार आदि उपस्थित रहे।

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