आप कैसे है,
जी टीक हूँ, लेकिन दूसरो
कि खुशियों को देखकर हैरान हूँ,
जी हमने पूँछा क्या हुआ,
तो दुख चेहरे पर लाकर मूंछ
झुका कर बोले,
कि फैलाने के साले कि बिटियाँ
जवान है,मुहझोसी पता
नही क्या करता साला बेईमान है
तो हमने कहाँ अरे जनाब
बिटियाँ उनकी जवान
आप क्यो हैरान,
तो बोले कि अरे कालेज जाती है
पता नही क्या गुल खिलाती है,
तो फिर हमने पूँछा अरे जनाब,
दूसरो का छोङे अपना हाल बताये,
और भाभी जी कहाँ, लगती बेहद
जवाँ, तो तुनक गये ,
कहाँ दिख गयी वो आपको,
क्यो कैसे56की उमर मे कहाँ
जवाँ, झुरियो से चेहरा मालामाल है
हम भी कम नही,
अरे जनाब ताजमहल,पुरानी शराब
कभी पुराना होता है भला फिर किस
बात का गिला,
हमने फिर पूँछा आपका,तो पौ बारह,
बेटा दुबई मे बेटी स्वीडन मे फिर चिंता
क्यो भला,
मेरे करीब आ गये और लगता था
बस कान मे प्रवेश कर छुप जायेगा
ऐसा मुझे भय लगा,
लगता था नासपीटा महीनों से
नहाया नही था,मेरा दिमाग घूम गया,
कच्ची या सस्ते इत्र की
महक से दिमाग भटक गया
और बोले कि बेटा बेरोजगार है,
कोई नौकरी और लङकी
के लिये दामाद,और बहु बताओ
जो पूरे परिवार को गोद ही
नही नशा पत्ती मिटा सके
ऐसा परिवार बताओ,
क्या बताऊँ जनाब
तब से हमको ढूढ रहे
हम अपनी जान बचा कर छुप रहे है,
ऐसे लोगो से रहे सावधान,
कहे नदू बाबा जो
अपना नही सोचते
बस दूसरों को देते है ग्यान
चलिये कल साझी मे मिलत हइ
कोनों दूसरन के बतिया करत हइ
सेहत मंद रहे खूब हंसे
और खुशियाँ बांटे
नंदिता एकांकी
प्रयाग राज
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