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घर में घुसकर हिंसक जानवर ने डेढ़ वर्षीय मासूम को बनाया निवाला

वन क्षेत्राधिकारी समेत टीम मौके पर,सतर्कता बरतने को कहा

गाँव के बाहर मिले अंग,पुलिस ने पोस्टमार्टम के लिए भेजा

वन विभाग ने पीड़ित परिवार को दी दस हजार रुपये की आर्थिक मदद

कमलेश जायसवाल

खमरिया खीरी :उत्तर खीरी वन रेंज धौरहरा क्षेत्र की गनापुर बीट में सरयू नदी पार जंगली जानवरों ने एक वर्ष के बाद पुनः अपनी आमद दर्ज करवाते हुए एक डेढ़ वर्षीय शिशु को उसके बिस्तर से उठाकर उस समय निवाला बना लिया जब वह घर के अंदर अपनी मां के साथ सो रही थी। 



जानकारी होने पर परिजनों के साथ साथ ग्रामीणों ने वन विभाग समेत पुलिस को सूचना देकर सुबह उसकी खोजबीन शुरू की तो गांव के बाहर खेतों में उसके कटे फ़टे अंग बरामद हुए। 



उन अंगों को मौके पर पहुचीं पुलिस ने कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया वहीं वन विभाग की टीम ने लोगों से सतर्क रहने की बात कह खूंखार जंगली जानवर को पकड़ने की तैयारी शुरू कर दी है।



उत्तर खीरी वन रेंज धौरहरा क्षेत्र की गनापुर बीट में सरयू नदी पार ग्राम पंचायत चकदहा मजरा मांझा सुमाली निवासी राममिलन निषाद के घर मे रविवार को देर रात खूंखार जंगली जानवर घुसकर बिस्तर पर सो रही उसकी डेढ़ वर्षीय पुत्री रोमा को उठा ले गया। 



जानकारी होने पर पूरे गांव में देखते ही देखते दहशत व्याप्त हो गई। लोगों ने घटना की जानकारी वन विभाग व पुलिस को देकर रात दहशत में गुजार कर सोमवार को सुबह एकजुट होकर ग्रामीण रोमा की तलाश में जुट गए।



 इस बीच गांव के बाहर खेतों में रोमा के कपड़े व कटे फ़टे अंग लोगों को दिखाई पड़े। वहीं जहां जहां उसके कपड़े व अंग मिले वहाँ जमीन में बने पैरों के निशानों को देख लोग तेंदुए व बाघ होने की आशंका जताई। 



वहीं सूचना पाकर मौके पर पहुचीं पुलिस ने जगह जगह पड़े अंगों को समेटकर पोस्टमार्टम के लिए जिला मुख्यालय भेज दिया। वहीं वन क्षेत्राधिकारी गजेंद्र सिंह की अगुवाई में पहुचीं वन विभाग की टीम ने पीड़ित परिवार को सांत्वना देते हुए खूंखार जानवर की पहचान कर पकड़ने की कवायद शुरू कर दी है।



इस बाबत वन क्षेत्राधिकारी गजेंद्र सिंह ने बताया कि खेतों मिले पग चिन्हों भेड़िये के लग रहे है फ़िलहाल क्षेत्र में जंगली जानवरों की पहचान कर नजर रखने के लिए विभागीय टीम लगा दी गई है। जल्द ही पिंजरे मंगवाकर खूंखार जानवर पकड़ लिया जाएगा। 



इस दौरान वन विभाग के वन रक्षक सतीश मिश्रा,सत्यप्रकाश,अनिल कुमार,रमाशंकर पाण्डेय क्षेत्र में कांबिग शुरू करते हुए पगचिन्हों को समेटकर जांच के लिए भेजने की तैयारी शुरू कर दी है। वहीं चकदहा,माँझासुमाली समेत नदी पार के गांवों में एक बार पुनः जंगली जानवरों को लेकर दहशत व्याप्त हो गई है।


वन क्षेत्राधिकारी ने पीड़ित परिवार को दिए दस हजार रुपये

सोमवार को वन क्षेत्राधिकारी गजेंद्र सिंह पीड़ित के घर पहुचकर परिवार को सांत्वना देते हुए 10,000 रुपये की आर्थिक मदद भी दी। वहीं क्षेत्राधिकारी ने ग्रामीणों से सतर्क रहने की बात कहते हुए खेतों में ग्रुप में जाने,घरों के बाहर आग जलाने समेत अन्य जरूरी दिशा निर्देश दिए है।



एक वर्ष बाद हुई घटना,वन विभाग ने नहीं दिया ध्यान

विगत दो वर्षों से गनापुर बीट में कर्तनिया घाट के जंगलों के रास्ते  आकर तेंदुओं ने करीब तीन दर्जन लोगों को घायल कर अपनी दहशत फैला दी थी वहीं कई मासूमों की जान भी चली गई ।



जिसको लेकर तत्कालीन वन क्षेत्राधिकारी अनिल शाह ने कई तेंदुओं को पकड़कर दुधवा के जंगलों में छोड़कर यह अंदेशा जताया था कि अब गनापुर बीट जंगली जानवरों का गढ़ बन चुकी है ।


इससे आमजन के लिए खतरा बना रहेगा। बावजूद वन विभाग इस ओर ध्यान नहीं दिया जिसके चलते रविवार की रात जंगली जानवर का शिकार बनकर मासूम रोमा असमय ही काल के गाल में शमा गई।

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