वेद व्यास त्रिपाठी
प्रतापगढ़। देश के स्वाधीनता संग्राम में पत्रकारों की महत्वपूर्ण भूमिका रही है। पत्रकारों की लेखनी ने राष्ट्रभाव का जागरण करने के साथ-साथ आंदोलन को दिशा देने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वहन किया था।
यह बातें अमृत महोत्सव के आयोजन के क्रम नगर के बाबागंज स्थित एक होटल में आयोजित पत्रकार वार्ता के दौरान राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ,काशी प्रांत के प्रांत प्रचारक रमेश जी ने कहीं।
उन्होंने कहा कि क्रांतिकारी अपने प्राणों की बाजी लगाकर समाचार पत्रों को एक स्थान से दूसरे स्थान तक पहुंचा कर जन-जन तक देश में चल रहे आंदोलनों से परिचित कराने का कार्य करते थे।
उन्होंने कहा कि पत्रकार की लेखनी में समाज की दिशा और दशा बदलने की शक्ति है। राष्ट्रभक्त पत्रकारों ने देश के स्वाधीनता आंदोलन को धार देने में अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया है।देश उसे कभी भी भुला नहीं सकता है।
उन्होंने कहा कि अमृत महोत्सव का आयोजन स्वत्व के जागरण का है। उन्होंने कहा कि स्वाधीनता तो प्राप्त हो गई किंतु स्वतंत्रता नहीं प्राप्त हुई। इंडिया को भारत बनाना ही स्वतंत्रता है। उन्होंने कहा कि आज देश में भगवान राम का भव्य मंदिर बन रहा है, यह स्वतंत्रता है।
उन्होंने कहा कि वंदे मातरम का उद्घोष क्रांति का बिगुल फूंकने माला और राष्ट्रभक्त का ज्वार उत्पन्न करने वाला मंत्र है। श्रीराम और श्रीकृष्ण का भारत अनादि काल से सृष्टि की रचना के समय से ही विद्यमान है और पूरे विश्व को दिशा दे रहा है।
अमृत महोत्सव का महापर्व देश के गौरवशाली इतिहास का स्मरण करने के साथ-साथ उन वीर स्वाधीनता संग्राम सेनानियो को भावांजलि अर्पित करने का पर्व है जिन्होंने अपने प्राणों की बाजी लगाकर भारत माता को परतंत्रता की बेड़ियों से मुक्त कराने के लिए अपना सर्वस्व अर्पित कर दिया।
19 दिसंबर को राजकीय इंटर कॉलेज,प्रतापगढ़ के मैदान में सामूहिक वंदे मातरम गायन कार्यक्रम का आयोजन किया गया है,जिसमें हजारों स्वरों से वंदे मातरम की गूंज उठेगी। कार्यक्रम में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सह सरकार्यवाह रामदत्त चक्रधर का उद्बोधन होगा।
इस अवसर पर रमेश त्रिपाठी,प्रतोष कुमार,डॉ. सौरभ पांडेय,डॉ. पीयूष कांत शर्मा और प्रभाशंकर पांडेय मौजूद रहे।
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