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प्रतापगढ़: बैंकों के निजीकरण के विरोध में हड़ताल पर रहे कर्मचारी

वेद व्यास त्रिपाठी

प्रतापगढ़। यूनाइटेड फोरम आफ बैंक यूनियन्स के आह्वान पर गुरुवार को अखिल भारतीय दो दिवसीय हड़ताल के क्रम में प्रतापगढ़ में सभी राष्ट्रीयकृत बैंक के समस्त अधिकारी व कर्मचारी भारत सरकार की बैंकों के निजीकरण की नीति व बैंकिंग ला अमेंडमेंट बिल के खिलाफ एकजुट होकर हड़ताल पर रहे। 


इस क्रम में भगवा की चुंगी स्थित इलाहाबाद फैजाबाद रोड बैंक ऑफ इंडिया के सामने सभी कर्मचारी व अधिकारी एकत्रित होकर सभा व धरना तथा प्रदर्शन का आयोजन किए।


सभा को संबोधित करते हुए यूनाइटेड फोरम के संयोजक नरेंद्र प्रसाद मिश्र ने कहा कि सरकारी बैंकों को निजी करण करने से न केवल बैंक कर्मचारी प्रभावित होंगे बल्कि समूचे राष्ट्र की अर्थव्यवस्था प्रभावित होगी ग्राहकों और नागरिकों को भी इसके दुष्परिणाम देखने को मिलेंगे। 


अध्यक्षता सच्चिदानंद पांडेय अध्यक्ष उत्तर प्रदेश बैंक एंप्लाइज यूनियन ने किया। सभा को प्रमुख रूप से जिला ट्रेड यूनियन काउंसिल के महामंत्री हेमंत नंदन ओझा, एसबी सिंह बैंक ऑफ बड़ौदा, बीपी त्रिपाठी संरक्षक जिला ट्रेड यूनियन काउंसिल, संजीव यादव बैंक ऑफ इंडिया ,प्रेम प्रकाश मौर्य केनरा बैंक अमेठी ,प्रेरणा शुक्ला केनरा बैंक, नीलेश दुबे बैंक ऑफ बड़ौदा, अमर सोनी बैंक ऑफ इंडिया, आशीष कुमार सिंह बैंक ऑफ बड़ौदा ऑफिसर एसोसिएशन, कमलेश कुमार पांडे स्टेट बैंक ऑफ इंडिया ,जेबी सिंह पंजाब नेशनल बैंक, प्रशांत सिंह यूनियन बैंक, विशेष बहादुर श्रीवास्तव ,ज्योति यादव, अभिजीत मनोरंजन सिंह ,अनुराग जायसवाल बैंक ऑफ बड़ौदा आदि ने संबोधित किया। इस मौके पर वक्ताओं ने अपने उद्बोधन में कहा कि हड़ताल करने के लिए सरकार के द्वारा मजबूर किया गया है। 


सरकार ने बजट सत्र में 2 बैंकों के निजीकरण करने की घोषणा किया है बैंक कर्मियों ने इसका कड़ा विरोध करते हुए 15 मार्च 2021 और 16 मार्च 2021 को दो दिवसीय राष्ट्रव्यापी हड़ताल किया था लेकिन सरकार बैंक कर्मियों की मांगों पर कोई ध्यान नहीं दे रही है और अंततः यह हड़ताल करने के लिए भी केंद्र सरकार की ओर से बाध्य किया गया है।

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