कमलेश जयसवाल
खमरिया खीरी :उत्तर खीरी वन रेंज धौरहरा क्षेत्र की गनापुर बीट में सरयू नदी पार जंगली जानवर ने रविवार की रात अपनी आमद दर्ज करवाते हुए जहां डेढ़ वर्षीय मासूम रोमा को निवाला बना डाला।
वहीं सोमवार की रात दूसरे दिन भी एक घर मे घुसकर 40 वर्षीय व्यक्ति को गंभीर रूप से घायल कर दिया।
वहीं पड़ोस के घर मे घुसने से पहले ही ग्रामीणों ने शोर मचाकर उसे भागने पर मजबूर कर दिया। लगातार दो दिन में दो घटनाओं के बाद से नदी पार के इलाके के लोगों में खौफ छाया हुआ है।
वहीं ग्रामीण जहां हमलावर जानवर को बाघ व तेंदुआ बता रहे है तो वन विभाग भेड़िया होने का दावा कर रहा है।
उत्तर खीरी वन रेंज धौरहरा क्षेत्र की गनापुर बीट के ईसानगर क्षेत्र में सरयू नदी पार ग्राम चकदहा में रविवार की रात हिंसक जंगली जानवर ने जहां डेढ़ वर्षीय रोमा को अपना निवाला बनाकर दहशत फैला दी थी तो दूसरे दिन सोमवार की रात को भी वह चुप नहीं बैठा।
देर रात घर मे सो रहे ननकऊ (40) पुत्र नारायण के घर में घुसकर हिंसक जानवर ने ननकऊ पर हमला कर दिया जिससे वह गंभीर रूप से घायल हो गया।
नारायण की चीख पुकार सुन परिवरिजनों समेत आस पड़ोस के लोगों का शोर सुन वह वहां से निकलकर जंकशन यादव के घर मे घुसने लगा।
जिसको देख ग्रामीणों ने लाठी डंडे पटकते हुए चारों ओर से शोर मचाते हुए उसे भागने पर मजबूर कर दिया। सुबह जानकारी होने पर वन क्षेत्राधिकारी गजेंद्र कुमार सिंह समेत
वन रक्षक सतीश मिश्रा,सत्यप्रकाश,अनिल कुमार,रमाशंकर पाण्डेय चकदहा पहुचकर हमलावर जानवर के पग चिन्ह लेते हुए घायल ननकऊ को इलाज के लिए अस्पताल भेजवाया।
दो दिनों में लगातार हुई दो घटनाओं के बाद नदी पार इलाके के लोगों में खौफ़ छा गया। बच्चे स्कूलों में जाने से कतराने लगे है वहीं लोग अकेले खेतों में भी जाने से डरने लगे है।
ग्रामीणों ने कहा बाघ व तेंदुआ तो वन विभाग ने बताया कि हमलावर जानवर है भेड़िया
पूर्व वर्षों की भांति इस बार भी नदी पार इलाके में अचानक पहुचे हिंसक जंगली जानवर की पहचान को लेकर अभी स्थिति स्पष्ट नहीं हुई है।
एक तरफ ग्रामीण हमलावर जानवर को जहां बाघ या तेंदुआ बता रहे है तो वन विभाग के ज़िम्मेदार उसे भेड़िया बता रहे है। यही स्थिति पिछले वर्ष भी देखने को मिली थी ।
जब कई लोग हिंसक जानवर का शिकार हो गए तो वन क्षेत्राधिकारी समेत कर्मचारी हमलावर जंगली जानवर को काफ़ी दिनों तक भेड़िया कहते नजर आए थे पर जैसे ही क्षेत्र में कैमरे व पिंजड़े लगाए गये तो रात के अंधरे में कैमरों के जरिये तेंदुए के होने की पुष्टि हुई थी।
जिसमें दिनरात मेहतन कर वन विभाग ने तीन मादा तेंदुओं को बारी बारी से पिजड़ों में कैदकर दुधवा के जंगल मे छोड़ा गया था तब जाकर लोगों को राहत मिल पाई थी।
फिलहाल कुछ भी हो लगातार दो दिन में हुई दूसरी घटना के बाद से नदी पार इलाके के लोगों में खौफ़ छाया हुआ है।
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