ए. आर. उस्मानी
गोण्डा। कानून व्यवस्था को चुस्त-दुरुस्त करने की बड़ी-बड़ी बातें कर रही योगी सरकार में ऐसे कुछ पुलिसकर्मी भी है, जो मामले की जानकारी के बाद भी कोई कार्यवाही नहीं कर रहे हैं और बड़ी घटना का इंतजार करते हैं।
पुलिस की लापरवाही का ही नतीजा है कि कोतवाली देहात क्षेत्र के ग्राम मधईपुरवा में दीपावली की सुबह पत्रकार प्रमोद पाण्डेय के भाई के ऊपर जानलेवा हमला कर दिया गया।
भाई को मारते देखकर पत्रकार व उसके परिवार के लोग बचाने दौड़े तो दबंगों ने महिलाओं, बुजुर्गों सहित घर के अन्य लोगों पर भी जानलेवा हमला कर लहुलुहान कर दिया।
पीड़ित पत्रकार जब घायलों को लेकर देहात कोतवाली पहुंचा तो उसे व अन्य घायलों का तत्काल इलाज कराने एवं अन्य विधिक कार्रवाई करने के बजाय घंटों बैठाए रखा गया।
इसकी जानकारी जब पत्रकार संगठनों को हुई तो पत्रकार समाज कल्याण समिति के जिलाध्यक्ष व ग्रामीण पत्रकार एसोसिएशन के जिला महामंत्री मौके पर पहुंचे। उसके उपरान्त भी थाने में हीला-हवाली की जाती रही।
इस पर जिलाध्यक्ष ने दूरभाष पर डीएम को घटना की जानकारी दी, तब जाकर मुकदमा दर्ज कर घायलों को मेडिकल हेतु जिला अस्पताल भेजा गया।
क्या है पूरा मामला
कोतवाली देहात थाना क्षेत्र के मधईपुर निवासी पत्रकार प्रमोद कुमार पांडेय द्वारा कोतवाल को घटना के एक दिन पूर्व ही जानकारी दी गयी थी कि उसके व परिवार के ऊपर विपक्षियों द्वारा कभी भी बड़ी घटना कारित की जा सकती है।
लेकिन देहात कोतवाल संतोष तिवारी द्वारा आश्वासन देकर वापस लौटा दिया गया और कोई कार्रवाई नहीं की गयी। दूसरे दिन दीपावली की सुबह करीब आठ बजे पत्रकार का छोटा भाई दूध लेने के लिए निकला था कि विपक्षियों ने तलवार, लोहे की रॉड और फरसे से जानलेवा हमला कर दिया।
भाई को मारते देखकर पत्रकार प्रमोद पाण्डेय और परिवार के अन्य सदस्य बचाने दौड़े। इस पर दबंगों ने उन पर भी हमला कर दिया, जिसमें औरतों, बुजुर्गों सहित कई लोगों को गम्भीर चोटें आईं।
घायलावस्था में पत्रकार कोतवाली देहात पहुंचा, लेकिन कोतवाल अपने आवास से बाहर नहीं निकले।
जानकारी पाकर वरिष्ठ पत्रकार नरेंद्र लाल गुप्ता जिलाध्यक्ष पत्रकार समाज कल्याण समिति व ग्रामीण पत्रकार एसोसिएशन के जिला महामंत्री भी थाने पहुंचे, तब तक कोई कार्यवाही नहीं की गई थी।
इस बीच जिले के तमाम पत्रकार कोतवाली पहुंच गए, लेकिन थाने के पुलिस कर्मियों द्वारा टालमटोल की बातें की जा रही थीं। यह सब देखकर नरेंद्र लाल गुप्ता द्वारा जिलाधिकारी को थाने से ही दूरभाष पर घटना की जानकारी दी गई।
इस पर डीएम मार्कण्डेय शाही ने कोतवाल को तत्काल मेडिकल जांच कराकर मुकदमा पंजीकृत करने को कहा। तब जाकर पत्रकार सहित अन्य घायलों का मुकदमा पंजीकृत कर मेडिकल जांच हेतु भेजा गया।
डीआईजी से मिले पत्रकार
पूर्व सूचना पर कार्यवाही न करने से जनपद के पत्रकारों में कोतवाल संतोष कुमार तिवारी के रवैये से काफी रोष व्याप्त है।
इस घटना के सम्बन्ध में शनिवार को पत्रकार संगठन के लोगों ने एक ज्ञापन पुलिस उपमहानिरीक्षक देवीपाटन मण्डल को दिया और निष्पक्ष जांच एवं कार्रवाई की मांग की, जिस डीआईजी के द्वारा पत्रकारों को निष्पक्ष जांच और उचित कार्यवाही का आश्वासन दिया गया।
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