यह परिक्रमा अयोध्या की सीमाओं के चदुर्दिक की जाती है। ऐसी मान्यता है कि परिक्रमा करने से जीवन धन्य हो जाता है। यह परम्परागत परिक्रमा है जो कई वर्षों से होती है।
परिक्रमा 14 कोस है। यह लगभग अब 45 किमी का दायरा में आता है। जिला प्रशासन की ओर से हर व्यवस्था की जाती है। जिला प्रशासन की देखरेख में परिक्रमा मेला संचालित होता है।
इस परिक्रमा में आए भक्तों की सेवा हेतु जगह-जगह समाजसेवी व अन्य संस्थाओं द्वारा लगाया जाता है सहायता शिविर। रामघाट पर श्री सेवा संस्थान के अध्यक्ष अशुतोषानंद त्रिपाठी द्वारा निःशुल्क दवा का वितरण किया गया। यह परिक्रमा शांतिपूर्वक व सकुशल संचालित हुवा है।
14 कोसी परिक्रमा में समुचित व्यवस्था शासन व प्रशासन की ओर से कराई गई है। मेला में धीरे धीरे भीड़ बढ़ी, सायकल भीड़ काफी रही, मध्यरात्रि को भीड़ अपने चरम पर रही।
परिक्रमा में युवा बुजुर्ग सनी महन्त व बच्चे तक शामिल रहे। सभी ने राम नाम का जप कर परिक्रमा आरम्भ किये। यह परिक्रमा जो जहाँ से चाहा वही से शुरू किया और वही आकर सम्पन्न किये।
परिक्रमा खत्म होने पर सरयू सन्नानकर मठ मंदिरो में दर्शन पूजन कर अपने गुरुजनों का आशीर्वाद प्राप्त किए।
डीएम व कप्तान मेला में रहे गतिशील
डीएम नीतीश कुमार व एसएसपी शैलेश पांडेय मेला क्षेत्र गतिशील रहे। मेला प्रशासन हर व्यवस्था कराने को बेताब दिखा। मेला में भीड़ काफी रही।
मेला में इस बार बहुत ही भीड़ रही। सुरक्षा व व्यवस्था भी काफी सख़्त रही।
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