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पुरुष अपनाएं समझदारी, परिवार नियोजन में निभाएं जिम्मेदारी:सीएमओ

 

बिना चीर -टांका और बिना पीड़ा वाली परिवार नियोजन की स्थायी और आसान विधि ‘पुरुष नसबंदी’ के प्रति जागरुकता बढ़ाने हेतु एसीएमओ ने खुद करा ली थी नसबंदी

परिवार नियोजन में पुरुषों की सहभागिता बढ़ाने हेतु 4 दिसम्बर तक दो चरणों में मनाए जाने वाले पुरुष नसबंदी पखवाड़े का सोमवार को हुआ शुभारंभ

बीपी  त्रिपाठी

गोंडा 23 नवंबर। जनसंख्या स्थिरीकरण को लेकर जिले के स्वास्थ्य महकमे की ओर से कई कई महत्वपूर्ण कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं, इसमें स्वास्थ्य इकाईयों पर हर शुक्रवार को अंतराल दिवस, हर माह की 21 तारीख को खुशहाल परिवार दिवस व मासिक कार्ययोजना के अनुसार अलग-अलग दिवसों में सीएचसी स्तर पर नियत सेवा दिवस का आयोजन समेत अन्य कार्यक्रम शामिल हैं।



 स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग द्वारा संचालित कार्यक्रमों की इसी कड़ी में महकमे ने परिवार नियोजन में पुरुषों की भागीदारी बढ़ाने के उद्देश्य से जिले में पुरुष नसबंदी पखवाड़ा मनाए जाने का निर्णय लिया है। 



यह पखवाड़ा 22 नवम्बर से 04 दिसम्बर तक दो चरणों में आयोजित किया जाएगा। पहले चरण में 22 से 27 नवम्बर तक ‘दंपती संपर्क सप्ताह’ के तहत आशा कार्यकर्ता घर-घर जाकर लोगों को परिवार नियोजन की उपयोगिता, लाभ और फायदों के बारे में बताएंगी, योग्य पुरुषों को पुरुष नसबंदी सेवा का लाभ लेने हेतु प्रेरित करेंगी तथा इच्छुक पुरुषों का प्री-रजिस्ट्रेशन भी करेंगी।



 वहीं 28 से 04 दिसम्बर तक के दूसरे चरण में ‘सेवा प्रदायगी पखवाड़े’ का आयोजन कर इच्छुक एवं योग्य पुरुषों को पुरुष नसबंदी की सेवा प्रदान की जाएगी। पखवाड़े के आयोजन को लेकर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ आरएस केसरी ने पत्र जारी कर जिले के समस्त सीएचसी/पीएचसी अधीक्षकों व प्रभारी चिकित्सा अधिकारियों तथा सिविल सर्जन को आवश्यक दिशा-निर्देश दिया है। उन्होंने बताया कि शासन द्वारा इस वर्ष मनाए जाने वाले पुरुष नसबंदी पखवाड़े का थीम “पुरुषों ने परिवार नियोजन अपनाया, सुखी परिवार का आधार बनाया” निर्धारित किया गया हैं।



अधिक सरल है पुरुष नसबंदी, मिलती है प्रोत्साहन राशि

सीएमओ डॉ केसरी का कहना है कि पुरुष नसबंदी मामूली शल्य प्रक्रिया है। यह महिला नसबंदी की अपेक्षा अधिक सुरक्षित और सरल है। इस ऑपरेशन के उपरांत पुरुषों में किसी प्रकार की शारीरिक कमजोरी अथवा परेशानी नहीं होती है ।



छोटा परिवार-सुखी परिवार की अवधारणा को साकार करने के लिए पुरुष को आगे बढ़कर जिम्मेदारी उठाने की जरूरत है। उन्होंने बताया कि पुरुष नसबंदी अपनाने वाले पुरुषों को मिशन परिवार विकास के तहत तीन हजार रुपये की प्रोत्साहन राशि उनके बैंक खाते में दी जाती है।



योग्य दंपत्ति को मिलेगी परिवार नियोजन की जानकारी

डिस्ट्रिक्ट फैमिली प्लानिंग लॉजिस्टिक मैनेजर सलाहुद्दीन लारी ने बताया कि पखवाड़े के दौरान स्वास्थ्य केंद्रों पर आने वाले योग दम्पत्तियों को स्वास्थ्य कर्मियों द्वारा विभिन्न गर्भ निरोधक साधनों के बारे में परामर्श दिया जाएगा। साथ ही इच्छित गर्भ निरोधक साधन अथवा सेवा दंपत्ति के इच्छा अनुसार उपलब्ध कराई जाएगी।



 वहीं परिवार नियोजन विशेषज्ञ राघवेन्द्र प्रताप पाण्डेय का कहना है कि पखवाड़े के दौरान आशा द्वारा कंडोम व गर्भ निरोधक गोलियों के वितरण पर विशेष ध्यान दिया जाएगा द्य लाभार्थी को बार-बार केंद्रों पर आने एवं बार-बार संपर्क से बचने के लिए कंडोम और गर्भनिरोधक गोली के अतिरिक्त पैकेट आपूर्ति भी आशा द्वारा स्थिति अनुसार की जाएगी।



पुरुष नसबंदी को बढ़ावा देने एसीएमओ ने खुद करा ली थी नसबंदी

पुरुष नसबंदी के प्रति एसीएमओ आरसीएच डॉ एपी सिंह का कहना है कि घर में दो लड़कियों के जन्म के उपरांत मुझे और बच्चों की चाह नहीं थी। वहीं विभाग में एक सीएचसी अधीक्षक के रूप में समुदाय स्तर पर लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने और आमजन को परिवार कल्याण सेवाओं के प्रति प्रेरित करने की भी जिम्मेदारी कन्धों पर थी।



 ऐसे में मैंने समाज के पुरुष वर्ग को परिवार नियोजन में बराबर की हिस्सेदारी निभाने हेतु प्रेरित करने के लिए वर्ष 2002 में खुद नसबंदी करवाया ताकि समुदाय में पुरुष नसबंदी के प्रति व्याप्त भ्रांतियों और मिथकों का खंडन कर सकूँ। डॉ एपी सिंह बताते हैं कि उनकी यह सोंच कामयाब साबित भी हुई और उनकी प्रेरणा से कई पुरुषों ने नसबंदी कराकर परिवार नियोजन में अपनी बराबर की हिस्सेदारी निभाई।

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