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हनुमानगढ़ी के पूर्व सरपंच बाबा बचईदास का हुआ साकेतवास

वासुदेव यादव

अयोध्या। अखिल भारतीय पंच रामानंदी निर्वाणी अखाड़े हनुमानगढ़ी के पूर्व सरपंच महंत बाबा बचईदास महराज (75 वर्ष) का रविवार सुबह लंबी बीमारी के चलते साकेतवास हो गया। 


वे सागरिया पट्टी के एक वरिष्ट सन्त रहे। उनका अंतिम शोभायात्रा गांजे बाजे के साथ सुबह अयोध्या नगर में निकाली गई। 


इस शोभायात्रा के संत तुलसीदासघाट सरयू नदी तीरे पहुंचने पर महंत बाबा बचईदास को साधु संत परंपरा के अनुसार जलसमाधि दी गई। 


उनके शिष्य व उत्तराधिकारी श्रीसत्यदेवदास जी महाराज ने अंतिम संस्कार किए और अंतिम संस्कार सम्पन्न करवाये।

  

सर्वविदित हो कि महंत बाबा बचई दास सागरिया पट्टी के सबसे वयोवृद्ध सन्त रहे। वे अंजनी गौशाला के संस्थापक रहे। महन्त बाबा बचईदास अपने जमाने के एक बड़े नामी गिरामी पहलवान भी रहे। ये परम गौ भक्त व गौ सेवक रहे। 


उनके अंतिम यात्रा में अयोध्या हनुमानगढ़ी परिसर तक  गद्दीनशीन महंत प्रेमदास जी महाराज, सागरिया पट्टी के महंत ज्ञानदास महराज, बसंतीया पट्टी के महंत राम चरणदास, हरिद्वारी पट्टी के महन्त मुरलीदास व उज्जैनिया पट्टी के महान संतरामदास शामिल रहे व शोक जताए।

 

इसके साथ ही सरयू तट पर अयोध्या तुलसीदास छावनी के महंत जनार्दनदास 'मलखानदास', संत गजाधरदास, पहलवान हेमंतदास, महंत संजयदास, विकास यादव, अभयदास, सुंदर भवन के महन्त रामकरनदास, महंत बलरामदास, महंत बाबा शिवशंकरदास, महन्त दिनेशदास, महन्त अवधेशदास, महन्त रामदास, पार्षद व हनुमानगढ़ी पुजारी रमेशदास, पार्षद घनश्यामदास, पत्रकार वासुदेव यादव, पहलवान राजेशदास, पहलवान मनीरामदास सहित अयोध्या हनुमानगढ़ी के सभी संत महंत नागातीत भक्त शिष्य आदि शामिल रहे।

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