संगठन के अध्यक्ष अनुराग सक्सेना ने पदाधिकारियों से विचार विमर्श व राष्ट्रीय सलाहकार समिति की अनुशंसा पर इस समिति को घोषित किया। उत्तर प्रदेश समिति में लखनऊ से वरिष्ठ पत्रकार अजय शुक्ला जी,गौरव श्रीवास्तव जी व सुरेश पाल जी को इस समिति में स्थान मिला वहीं बांदा से वरिष्ठ पत्रकार राजेश पाण्डेय जी व सुनील सक्सेना जी को इस समिति मे रखा गया।बरेली से धीरेन्द्र सिंह जी , गाजियाबाद से सरताज खान जी बाराबंकी से अतुल कुमार श्रीवास्तव जी व वाराणसी से महेश पाण्डेय जी को भी इस समिति में मनोनीत किया गया तो युवा पत्रकारों में प्रतापगढ से सलमान खान जी व बिजनौर से अरशद अली का भी इस समिति में चयन किया गया।
इस समिति की घोषणा पर राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा कि उन्हे आशा है कि यह समिति प्रदेश के पत्रकारों की समस्याओ पर गंभीरता से विचार करेगी और उसके निराकरण के लिए प्रयास करेगी।यह समिति प्रदेश के पत्रकारों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चलेगी और पत्रकारों को निष्पक्ष और निर्भीक पत्रकारिता करने के लिए जागरूक करेगी।
मीडिया लोकतंत्र का मजबूत स्तंभ है। मीडिया कर्मियों के साथ दुर्व्यवहार किया जाना कलम पर प्रहार के समान है। पत्रकारिता पर हमला विचारों पर हमले के समान है।विधायिका और पत्रकारिता ही आज के परिवेश में लोकशाही के ऐसे स्तंभ है, जो आम जनता तथा शासन-प्रशासन को समय-समय पर प्रजातांत्रिक तरीकों से गुमराह होने से बचाते हैं। पत्रकारिता की देश की आजादी के जंग में भी अविस्मरणीय भूमिका रही है। पत्रकारिता से समाज को नयी दिशा मिलती रही है। पत्रकार समाज के सजग प्रहरी होते हैं।
लेकिन आज जगह जगह पत्रकारों के साथ दुर्व्यवहार व हमले चिंतनीय है।अब देश में पत्रकार सुरक्षा कानून लागू होना चाहिए। इसके लिए जरूरी कि सभी पत्रकार साथी अपनी एकजुटता का परिचय दे चाहे वह किसी भी संगठन से जुड़े हो लेकिन यदि कहीं पत्रकारों के साथ दुर्व्यवहार या अन्याय हो तो एकजुट होकर उसका विरोध करे।
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