वासुदेव यादव
अयाेध्या। कार्तिक कृष्ण चतुर्दशी अर्थात हनुमंतलला की जयंती पर पूरी अयाेध्यानगरी झूम उठी। चाराें ओर हर्ष और उल्लास का वातावरण फैला हुआ था। रामनगरी भक्तिमय माहाैल में रमी रही।
बजरंगबली की प्रधानतम पीठ हनुमानगढ़ी में सुबह से ही भक्ताें का तांता लगा रहा, जिसका सिलसिला देररात्रि तक चला।
हनुमान भक्त अपने आराध्य का दर्शन-पूजन कर रहे थे। मध्यरात्रि 12 बजे जैसे ही हनुमंतलला का जन्म हाेता है। वैसी ही घंटे एवं शंख की करतलध्वनि से पूरा मंदिर परिसर गुंजायमान हाे उठता है।
इस दाैरान हनुमानगढ़ी, के गद्दीनशीन महंत प्रेमदास रामायणी समेत संत-महंत, नागा साधु व भक्तगण उपस्थित रहे। ताे वहीं लक्ष्मणघाट स्थित प्रसिद्ध हनुमत निवास मंदिर जयंती महाेत्सव से आह्लादित रहा। जहां उत्सव की सतरंगी छटा बिखर कर सामने आयी।
महाेत्सव काे आश्रम के वयाेवृद्ध महंत सियाशरण महाराज ने अपनी सानिध्यता प्रदान किया।
प्रात:काल अंजनी नंदन का अभिषेक, पूजन, श्रृंगार, आरती के पश्चात मध्यरात्रि में प्राकट्य हाेता है। तदुपरांत भक्ताें काे प्रसाद वितरित किया जाता है।
इस माैके पर विद्वान रामायणी वक्ता व संत-महंत हनुमत कथा पर प्रवचन करते हैं। हनुमत निवास के उत्तराधिकारी महंत महेश शरण आए हुए संत-महंताें और विशिष्टजनाें का स्वागत-सम्मान किया।
इसी तरह मधुर माधुरी केसरी टीला, नजरबाग में महंत वैदेही शरण महाराज की देखरेख हनुमान जयंती धूमधाम से मनायी गई।
इस अवसर पर मंदिर के गर्भगृह से लेकर पूरे परिसर काे सुगंधित एवं मनमाेहक पुष्पाें से सजाया गया था, जिसकी मनाेरमता देखते हुए बन रही थी।
उत्सव पर गीत-संगीत समेत अन्य धार्मिक कार्यक्रम का आयाेजन किया गया। मध्यरात्रि में केसरी सरकार का जन्म हाेता है। उसके बाद भक्ताें काे प्रसाद बांटा गया।
पीठ के अधिकारी रामप्रिया शरण ने आए अतिथियाें का स्वागत-सत्कार किया।
इस माैके संत-महंत व श्रद्धालुगण माैजूद रहे। इस दाैरान हनुमान बाग, हनुमान किला, हनुमत सदन, हनुमत भवन, सार्वभाैम आश्रम, हनुमत केलिकुंज, हनुमत कुटी, बड़े हनुमान, प्रियाप्रीतम केलिकुंज, जानकी महल समेत दर्जनाें मंदिराें में हनुमत जन्माेत्सव मनाया गया।
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