एस के शुक्ला
प्रतापगढ़। राजकीय आयुर्वेदिक चिकित्सालय रामापुर द्वारा सीएचसी कोहड़ौर में छठां राष्ट्रीय आयुर्वेद दिवस एवं आरोग्य के देवता भगवान धन्वन्तरि की जयंती धूमधाम से मनाई गयी।
आरोग्य भारती एवं विश्व आयुर्वेद मिशन द्वारा प्रायोजित उक्त कार्यक्रम में
यज्ञ एवं धन्वन्तरि पूजन द्वारा सभी की खुशहाली, समृद्धि और आरोग्यता की कामना की गयी।
कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि के रूप में पहुंचे प्रयागराज के वरिष्ठ चिकित्सक एवं राजकीय आयुर्वेदिक कॉलेज, हंडिया प्रयागराज के पूर्व प्राचार्य प्रोफेसर जीएस तोमर ने कहा कि विष्णु के अंशावतार धन्वन्तरि आरोग्य के देवता एवं आयुर्वेद के प्रणेता है। धनतेरस को उनके अवतरण दिवस के रूप में मनाया जाता है।
उन्होंने कहा कि धनतेरस के दिन ही भगवान धनवन्तरि ने आयुर्वेद का प्रादुर्भाव किया और बाद में दिव्य औषधियों की खोज की। दुनियां भर में करोड़ों लोगों को स्वास्थ्य लाभ प्रदान करने में वर्षों से अनवरत कारगर भूमिका निभा रही आयुर्वेद चिकित्सा पद्धति भगवान धनवंतरि द्वारा प्रतिपादित दिव्य सूत्रों पर आधारित है।
आरोग्य सबसे बड़ा धन है। भगवान धन्वन्तरि की खोज और सिद्धांतों पर आधारित हमारी पारम्परिक चिकित्सा पद्धति आयुर्वेद के माध्यम से देश और प्रदेश में वैद्य और चिकित्साकर्मी लोगों को आरोग्य प्रदान करने के मिशन में जुटे हैं।
उनका मानवता की सेवा के लिए समर्पण भाव सभी के लिए अनुकरणीय है। डॉ तोमर ने खान पान, दिनचर्या ऋतुचर्या का पालन कर स्वस्थ रहने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि भोजन अपनी प्रकृति और ऋतु के अनुसार करें हमेशा ताजा बना हुआ ही भोजन करें, मौसमी फल सब्जियां अपने भोजन में जरूर शामिल करें। कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि सीएचसी कोहड़ौर अधीक्षक डॉ भरत पाठक ने धन्वन्तरि जयंती की बधाई देते हुए कहा कि हमारा स्वास्थ्य हमारा नैतिक जिम्मेदारी है।उन्होंने आयुर्वेद के अनुभवों को साझा करते हुए कहा कि आहार विहार सही रख कर लाइफस्टाइल जनित बीमारियों से बच सकते हैं।विशिष्ट अतिथि जिला होम्योपैथिक अधिकारी डॉ एस के गुप्ता ने कहा कि आयुर्वेद को अपने मूल रूप में प्रतिष्ठित करने के लिए समाज को आयुर्वेद के प्रति विश्वास दिलाना होगा।
कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे क्षेत्रीय आयुर्वेदिक एवं यूनानी अधिकारी डॉ सरोज शंकर राम ने आयुष मंत्रालय एवं उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा आयुर्वेद के क्षेत्र मे विभिन्न योजनाओं के विषय मे प्रकाश डालते हुए कहा कि कोरोना काल मे प्रत्येक व्यक्ति ने आयुर्वेद को अपनाया है।
कार्यक्रम संयोजक प्रभारी चिकित्साधिकारी डॉ अवनीश पाण्डेय ने ग्रामीणों को प्रदर्शनी के माध्यम से उपयोगी वनौषधियो एवं खान पान की जानकारी दी। कार्यक्रम का संचालन नेत्र परीक्षण अधिकारी सीएम शुक्ला ने किया। संगोष्ठी में डॉ उमंग आर्य, डॉ भरत नायक, डॉ अवनीश पाण्डेय, डॉ.आलोक पाण्डेय, डॉ पवन मिश्र, डॉ आशीष त्रिपाठी, डॉ संजय सिंह, डॉ विशेष राय, डॉ प्रज्ञा सिंह, डॉ ब्रह्मानंद ने स्वास्थ्य विषयक अपने विचार रखे।
इस अवसर पर सुनील कुमार पाण्डेय, पूर्व प्रधान देवेंद्र पाठक, विनोद मिश्र, रत्नेश पाण्डेय, धवल कुमार द्विवेदी, राजेन्द्र सिंह, सुरभि जायसवाल, मंजू सरोज एवं ग्रामीण उपस्थित रहे।
ग्रामीणों को औषधीय पौधों एवं फल का वितरण भी किया गया।
एक टिप्पणी भेजें
0 टिप्पणियाँ