बी पी त्रिपाठी
गोंडा 7 अक्टूबर। जनपद के प्रतिष्ठित साहित्यकार शिवाकांत मिश्र विद्रोही को प्रदेश सरकार के हिन्दी संस्थान द्वारा गांधी जयंती की पूर्व संध्या पर ढाई लाख रुपये के साहित्य भूषण पुरस्कार से सम्मानित करने की घोषणा पर साहित्यकारों व वुद्धिजीवियों ने प्रसन्नता व्यक्त की है।
जनपद के सूचना उपनिदेशक डा. राजेन्द्र यादव ने कवि विद्रोही को सम्मानित करते हुए कहा कि श्री विद्रोही ने ओज के साथ सामयिक विषयों पर राष्ट्रीय पत्र पत्रिकाओं में नवगीत की रचना कर साहित्य के क्षेत्र में जनपद को एक नई पहचान दी है।
इस मौके पर श्री विद्रोही का स्वागत करते हुए मां सरस्वती की प्रतिमा भेंट कर सम्मानित किया। श्री विद्रोही ने बताया उ.प्र हिन्दी संस्थान के कार्यकारी अध्यक्ष व निदेशक सदाकांत गुप्त द्वारा उन्हें काव्य में ओज व नवगीत में साहित्य सेवा के लिए साहित्य भूषण पुरस्कार दिए जाने की घोषणा की है।
कवि विद्रोही को संस्थान से साहित्य भूषण मिलने पर हिन्दी के लब्ध प्रतिष्ठित कवि सोम ठाकुर (आगरा),डा विष्णु सक्सेना(हाथरस), कमलेश शर्मा (इटावा ), बलराम श्रीवास्तव (मैनपुरी ), एवं स्थानीय साहित्यकारों में संस्थान से पूर्व में सम्मानित डा सूर्य पाल सिंह, सतीश आर्य, सुरेन्द्र बहादुर सिंह झंझट, डा उमा सिंह , विनय, अक्षत, एस पी मिश्र, चन्दन तिवारी, आर जे शुक्ल यदुराय एवं खरगूपुर के पूर्व चेयरमैन राजीव रस्तोगी राजेश मोकलपुरी सुरेश मोकलपुरी यज्ञराम मिश्र यज्ञेश यज्ञदेव पाठक नीरज आदि ने प्रसन्नता व्यक्त की है।
जनपद के कस्बा खरगूपुर के भगवानदीन पुरवा में पं आद्या प्रसाद मिश्र के पुत्र के रूप में 30 जून 1954 को जन्में शिवाकांत मिश्र विद्रोही छात्र जीवन से ही काव्य रचना कर रहे हैं। मंच पर ओज व राष्ट्रीय पत्र पत्रिकाओं में नवगीतकार के साथ आकाशवाणी पर छन्दकार के रूप में लोकप्रिय हैं।
स्वास्थ्य विभाग में राजपत्रित पद से सेवानिवृत्त श्री विद्रोही की अब तक चार पुस्तक प्रकाशित हो चुकी हैं-किसलय कलश, सुगन्ध के हस्ताक्षर, वीरभद्र ओज खंड काव्य नवगीत संग्रह रोटी है तो दाल नहीं है।
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