अंकज मिश्र
बालपुर, गोण्डा। भले ही योगी सरकार जीरो टॉलरेंस का दम भरती है लेकिन ग्राम पंचायतों में भ्रष्टाचार की गंगा बह रही है। यहां ग्राम प्रधान, सचिव व रोजगार सेवक समेत अन्य जिम्मेदार अधिकारियों द्वारा सरकार की मंशा पर पानी फेरा जा रहा है। आलम यह है कि पंचायतों में बिना काम कराए ही सरकारी धन की बंदरबांट कर ली गयी है। इसका खुलासा होने पर कार्रवाई के बजाय लीपापोती कर मामले को दबाने की कोशिश की जा रही है।
ताजा मामला हलधरमऊ विकास खण्ड की ग्राम पंचायत नकहा बसंत का है। आरोप है कि यहां खेतों की मेढ़बंदी, सोकपिट, पशु शेड, नाली निर्माण समेत अन्य कार्य कराए बिना ही धनराशि निकाल ली गई है। परवानपुर गांव निवासी मानवेन्द्र तिवारी पुत्र हरिओम तिवारी ने जिलाधिकारी से शपथपत्र देकर शिकायत की है, जिसमें आरोप लगाया है कि उसके घर की नाली व सोख्ता का निर्माण कार्य नहीं कराया गया है और न ही उसके खेतों की मेढ़बंदी ही कराई गई है।
आरोप है कि ग्राम प्रधान, सचिव एवं रोजगार सेवक द्वारा मिलीभगत करके 148000 रूपये फर्जी तरीके से बिना काम कराए ही निकाल लिया गया है। मौके पर कोई कार्य नहीं कराया गया है। इसके अलावा मेढ़बंदी, नाली निर्माण, सोकपिट निर्माण आदि कार्य दिखाकर सरकारी धन की बंदरबांट करने का भी आरोप लगाते हुए जांच कराकर दोषियों के विरूद्ध कार्रवाई एवं सरकारी धन की रिकवरी कराने की मांग की गयी है।
शिकायतकर्ता मानवेन्द्र तिवारी का आरोप है कि आवासीय योजना के लाभार्थियों से भी वसूली की गयी है तथा रूपया न दे पाने वाले तमाम पात्र लाभार्थियों को आवास योजना के लाभ से वंचित कर दिया गया है। इसकी भी जांच कराई जानी चाहिए, जिससे पात्रों को सरकार की योजनाओं का लाभ मिल सके।
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