वासुदेव यादव
अयाेध्या। मर्यादा पुरुषोत्तम प्रभु श्रीराम की पावन जन्मस्थली अयाेध्याधाम के श्रीरामकृष्ण मंदिर में चल रही सप्त दिवसीय श्रीमद् भागवत कथा का मंगलवार को समापन हाे गया। इस मौके पर हवन यज्ञ व सन्तो का भंडारा किया गया।
अंतिम दिवस भक्ताें काे अमृतमयी कथा का रसास्वादन कराते हुए देश की सुप्रख्यात कथावाचिका शीतल दीदी ने कहा कि जिसका मन हमेशा परमात्मा से जुड़ा हुआ है। उसके मन में परमात्मा बसे रहते हैं। जीव उन्हीं का अनुसरण करता है। हर सभी के जीवन में परेशानियां आती हैं। यहां तक कि भगवान के जीवन में भी कष्ट आया, जिसकाे उन्हाेंने अपनी लीलाओं के माध्यम से दूर किया। साथ ही मनुष्य को अपनी लीला का दर्शन कराया और संदेश दिया। हमें अपने मार्ग में आने वाली कठिनाइयाें का पूरी दृढ़ता के साथ सामना करना चाहिए। इससे कभी विचलित न हाें। भगवान हमारी रक्षा करेंगे। वही हमें अंधकार से निकाल कर उजाले की ओर ले जायेंगे। सिर्फ अपने ऊपर भराेसा रखें। क्याेंकि करने वाले भगवान हैं। उन्हाेंने कहा कि जब सब जीवात्मा परमात्मा के पास पहुंच जाते हैं। ताे परमात्मा उनका स्वागत करते हैं। लेकिन पहले जीव परमात्मा की ओर अग्रसर ताे हाे। तभी भगवान उसका उद्धार करेंगे। प्रभु की भक्ति में अवश्य मन लगाएं। कथा के आयाेजक व रामकृष्ण मंदिर पीठाधीश्वर महामंडलेश्वर गणेशानंद दास महाराज ने बताया कि यह भागवत कथा भगवान श्री रामकृष्ण मंदिर सेवा ट्रस्ट और धनवंतरी जीव दया गाै हाॅस्पिटल आणंद, गुजरात के संयुक्त तत्वाधान में संचालित थी। जाे 29 सितंबर से प्रारम्भ हाेकर 5 अक्टूबर को समाप्त हुई। समापन पर यजमान द्वारा व्यासपीठ की भव्य आरती उतारी गई। अंत में भक्ताें सन्तो काे प्रसाद वितरित किया गया। इस माैके पर काफी संख्या संत-महंत और भक्तगण उपस्थित रहे।
एक टिप्पणी भेजें
0 टिप्पणियाँ