साहित्यकारों ने जताई खुशी
बी पी त्रिपाठी
गोंडा 7 अक्टूबर। जनपद के तहसील मनकापुर निवासी अवधी साहित्य में गीत सम्राट के रूप में विख्यात सतीश आर्य को प्रदेश सरकार के हिन्दी संस्थान द्वारा ढाई लाख रुपये के साहित्य भूषण पुरस्कार से सम्मानित किए जाने की घोषणा पर साहित्यकारों ने खुशी जताते हुए बधाई दी है।
मनकापुर के ग्राम भिटौरा में 3 अक्टूबर 1955 को जन्में गीतकार सतीश आर्य को हिन्दी संस्थान से लगातार दूसरी बार सम्मानित होने का गौरव मिला है।-विक्रमशिला विद्यापीठ भागलपुर (बिहार) द्वारा विद्यावाचस्पति एवं विद्यासागर से अलंकृत श्री आर्य डीएवी इंटर कॉलेज, संचार विहार, आईटीआई लिमिटेड, मनकापुर के सेवानिवृत्त शिक्षक अब तक दर्जनों संस्थाओं से सम्मानित हैं और अवध विश्वविद्यालय एवं एनसीआरटी की कक्षा छह में उनकी कविताएं पाठ्यक्रम में भी शामिल है।
प्रदेश के उपमुख्यमंत्री डॉक्टर दिनेश शर्मा एवं पुलिस महानिदेशक डॉ सूर्य कुमार शुक्ला द्वारा श्वागीश्वरी सम्मानश् से अलंकृतद्य हिंदी साहित्य सम्मेलन प्रयाग द्वारा श्विद्यावागीशश्, गोरखपुर विश्वविद्यालय द्वारा श्अमृत कलशश् उत्तर प्रदेश हिंदी संस्थान द्वारा ऋषिकेश चतुर्वेदी, ब्रजभाषा सम्मान, देश के अन्य अनेक मनीषियों एवं साहित्यकारों द्वारा विभिन्न पुरस्कारों एवं सम्मानों तथा मानद उपाधियों से अलंकृत, नेपाल देश द्वारा श्अवधी साहित्य भूषणश् की उपाधि से सम्मानित हो चुके हैं।
उनकी कविताओं का राष्ट्रीय पत्र पत्रिकाओं व आकाशवाणी व दूरदर्शन पर प्रकाशन प्रसारण हुआ है। सतीश आर्य की प्रकाशित कृतियों में महुआ वृक्ष तले गीतसंग्रह, दोऊ आँखिन की पुतरी भई हिन्दी, छंद की छाँव,-महुआरी संग्रह पाठकों में लोकप्रिय है।
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