बी पी त्रिपाठी
गोंडा 4 अक्टूबर। योगी राज में दलितों की सुरक्षा के दावे सिर्फ कागजों पर चल रहे हैं। हकीकत में दलित भगवान भरोसे ही जी रहे हैं। ताजा मामले में जिले की उमरीबेगमगंज पुलिस द्वारा एक नया कारनामा सामने आया है। जहाँ एक वृद्ध दलित को कुछ दबंगो ने बेइज्जत करने का प्रयास किया। विरोध करने पर उसे मारा-पीटा व उस पर फायर झोंक दिया। पीड़ित द्वारा हल्ला-गुहार मचाने पर दौड़े गाँव वालों की वजह से उसकी जान बची।
जिले के उमरीबेगमगंज थाना क्षेत्र के मरगूबपुर गाँव के निवासी शिवटहल पासी पुत्र रामगोपाल ने पुलिस अधीक्षक को दिये अपने तहरीर में बताया कि, बीते 10 सितम्बर की रात्रि जब वह घर पर सो रहा था तो गाँव के अवध बिहारी पाण्डेय पुत्र शिवबालक व उनके तीन अन्य साथी तथा उसके मुंह पर टेप लगा कर जबरन उठा कर ले जाने लगे जब उसने इसका विरोध करना चाहा तो उन्होंने उसके ऊपर फायरिंग कर दिया, जिसमें गोली के छर्रे उसके बायीं जांघ पर लगी।
पीड़ित के मुताबिक फायरिंग की आवाज सुनकर जब गाँव वाले दौड़े तब हमलावर दबंग धमकाते हुये भाग निकले। जब इसकी सूचना पुलिस को दी तो मौके पर पहुँची पुलिस को लोगों द्वारा फायरिंग की पुष्टि के बावजूद थानाध्यक्ष ने सुसंगत धाराओं में मुकदमा पंजीकृत न कर मामूली केस ही दर्ज किया।
सीयूजी नहीं उठाता थानेदार
जब इस बावत थानाध्यक्ष से जानकारी का प्रयास किया गया तो हमेशा की तरह उमरी बेगम गंज का थानेदार ने सीयूजी फोन उठाना गवारा नहीं समझा। पूर्व में भी गंभीर मामले मे पीड़िता की तहरीर पर मामूली एन सी आर दर्ज किया था, जो थानेदार के भ्रष्ट रवैये की कहानी खुद- बखुद कह रहा है।
सीओ के बोल
इस प्रकरण व थानेदार के सीयूजी न उठाने के बावत जब क्षेत्राधिकारी तरबगंज से बात की गई तो उन्होंने कहा कि,मेडिकल रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई की जायेगी तथा वह थानाध्यक्ष को सीयूजी क्यों नहीं उठाते इस बावत निर्देश देंगे।
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