डॉ ओपी भारती
गोण्डा।आरंगा-पार्वती झील परिसर में मंगलवार को सोहेलवा वन्य जीव प्रभाग के प्रभागीय वन अधिकारी प्रखर गुप्ता के नेतृत्व में अमृत महोत्सव कार्यक्रम के तहत झील क्षेत्र के आस-पास के गांवों के 50 वेटलैंड मित्रों का चयन किया गया।जो वेटलैंड अथॉरिटी ऑफ इंडिया के निर्देशन में स्वयं सेवकों के रूप में इस आर्द्र भूमि को स्वस्थ रखने में वन कर्मियों की सहायता करेंगे।
प्रभागीय वनाधिकारी ने बताया कि वर्ष 1971 में ईरान के रामसर शहर में विश्व के तमाम देशों की बैठक में विश्व की ऐसी धरोहरों का चयन किया गया था,जिनके संरक्षण की आवश्यकता थी। जनवरी 2020 में आरंगा-पार्वती झील को भी उसमें शामिल किया गया है।
17 वर्ग किलोमीटर में फैली दोनों झीलों के संरक्षण के लिए जन सहभागिता की आवश्यकता को देखते हुए वेटलैंड मित्रों का चयन किया गया है।इन वेटलैंड मित्रों की सहायता से मानव व पर्यावरण पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।ये स्वयंसेवक सामूहिक और व्यक्तिगत प्रयास से आर्द्र भूमि की संरक्षण की दशा में सकारात्मक बदलाव लाएंगे।
इन झीलों के जलस्तर के अनुसार अगल-बगल के गांवों का जल स्तर भी उच्च रहेगा।इन वेटलैंड मित्रों के सहयोग से झील की मछलियों व पक्षियों का भी संरक्षण होगा।ये वेटलैंड मित्र झील पर अतिक्रमण,ठोस और तरल कचरे के निपटान,आर्द्र भूमि के क्षरण में वन कर्मियों की सहायता करेंगे।
कार्यक्रम में वेटलैंड मित्रों ने स्वयंसेवकों के रूप में कार्य करने का शपथ पत्र भरा व स्वेच्छा से कार्य करने की शपथ ली।ततपश्चात झील के तट पर सफाई कार्य किया।इस मौके पर एसीएफ अजीत प्रताप सिंह,वन क्षेत्रधिकारी राज कुमार शर्मा,प्रधान बहादुरा हरनाम सिंह,प्रधान कोठा जगदम्बा सिंह,प्रधान चंदहा वीरेंद्र प्रताप सिंह सहित तमाम लोग व वनकर्मी उपस्थित रहे।
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