ए. आर. उस्मानी
गोण्डा। मुंसिफ न्यायालय व ग्राम न्यायालय स्थापना के विरोध में अधिवक्ताओं का आन्दोलन आज इक्कीसवें दिन भी जारी रहा। जिला बार व सिविल बार एसोसिएशन के संयुक्त तत्वावधान में अधिवक्ताओं ने सिविल कोर्ट परिसर में जुलूस निकालकर प्रदर्शन किया।
अध्यक्ष दीनानाथ त्रिपाठी, राजेश कुमार मिश्र एवं महामंत्री मनोज कुमार सिंह, अनुज कुमार श्रीवास्तव के नेतृत्व में वृहस्पतिवार को गेट संख्या दो पर धरना-प्रदर्शन किया गया। अपने संबोधन में अधिवक्ताओं ने कहा कि तीनों तहसीलों में न्यायिक प्रक्रिया संचालित नहीं हो सकती है। यदि ग्राम न्यायालय के नाम पर तीनों तहसीलों पर मुंसिफ न्यायालय कायम किया जाता है तो न तो न्यायालय की गरिमा बचेगी और न ही पीठासीन अधिकारी ही सुरक्षित रहेंगे। तहसील मनकापुर में स्थापित किये गए ग्राम न्यायालय को अधिवक्ताओं ने विधि विरूद्ध बताया। कहा कि यह विधि आयोग की मंशा से पूर्ण रूपेण परे है। इसलिए ग्राम न्यायालय, मुंसिफ न्यायालय की स्थापना से गरीबों को न्याय से वंचित होना पड़ेगा।
धरना-प्रदर्शन को संबोधित करते हुए वरिष्ठ उपाध्यक्ष अरविन्द कुमार पाण्डेय ने कहा कि जिस तरह से देश आजाद होने के बाद बने कानून प्रक्रिया के तहत सरपंच को बहुत ही अधिकार दिये गये थे, परन्तु उनके दुरुपयोग से उसमें संशोधन कर न्याय व्यावस्था की वर्तमान स्थिति तैयार की गई। लेकिन वर्तमान सरकार अपने सुविधाजनक बनाने के लिए इस न्याय व्वास्था को अपंग करने में लगी हुई है। सभा का संचालन संयुक्त रूप से अनुज कुमार श्रीवास्तव व मनोज कुमार सिंह ने किया। आभार प्रदर्शन वरिष्ठ उपाध्यक्ष अरविन्द कुमार पाण्डेय ने किया।
इस अवसर पर जयदिनेश शुक्ल, उपेन्द्र मिश्र, माधव राज मिश्र, सुरेश प्रसाद पाठक, विन्देश्वरी प्रसाद दूबे, राजेश मिश्र, राम बुझारत, आलोक पाण्डेय, जमील खां, अनिल सिंह, अशोक तिवारी, विजय प्रकाश त्रिपाठी, कौशल किशोर पाण्डेय, रमेश कुमार दूबे, अनुपम शुक्ल, इन्द्रमणि शुक्ल, राजकुमार चतुर्वेदी, गिरवर चतुर्वेदी, रजनीश पाण्डेय, रामू प्रसाद, सन्तोष कुमार ओझा, रविप्रकाश पाण्डेय, गौरीशंकर चतुर्वेदी, रीतेश यादव, अतुल कुमार श्रीवास्तव, प्रमोद नन्दन श्रीवास्तव, इक़बाल बहादुर श्रीवास्तव, उत्कर्ष त्रिपाठी सहित बड़ी संख्या में अधिवक्ता मौजूद रहे।
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