रजनीश/ज्ञान प्रकाश
करनैलगंज(गोंडा)। करनैलगंज में ऐतिहासिक श्रीराम लीला की शुरुआत नगर ढिंढोरा के साथ शुरू हो गई। एक माह तक चलने वाली रामलीला के मंचन को लेकर आयोजकों ने तैयारियों को अंतिम रूप दे दिया है। शुक्रवार से श्रीराम लीला मंचन की प्रस्तुति शुरू हुई। पहले दिन यहां पर सायं को रावण की सेना ने नगर ढिंढोरा किया। एक माह तक चलने वाली यहाँ की प्रसिद्ध रामलीला में अधिकांशतः श्रीरामचरित मानस के आधार पर तथा कुछ अन्य क्षेपक कथाओं के आधार पर सजीव मंचित की जाने वाली यहां की रामलीला शिव पार्वती विवाह, गणेश जन्म से प्रारम्भ होकर सीता वनवास और लवकुश वीरता तक की लीलाएं मंचित की जाती हैं। यहां श्रीराम लीला का प्रदर्शन करने के लिए अलग-अलग स्थान भी नियत हैं। शिव पार्वती विवाह, गणेश जन्म से लेकर राम वन गमन व केवट संवाद तक की लीला गुड़ाही बाजार में स्थित श्रीराम लीला भवन में रात्रि में नाटक मंचन द्वारा प्रदर्शित की जाती हैं। श्रीराम लीला भवन को अयोध्या माना गया है। चित्रकूट निवास से लेकर रावण वध और विभीषण राज्याभिषेक तक की लीला बस स्टॉप के पास स्थित रामलीला मैदान में सायंकाल प्रदर्शित की जाती है। श्रीराम लीला मैदान को वन क्षेत्र माना गया है और यहीं पर लंका भी बनी हुई है। भरत मिलाप की लीला रात्रि में गाड़ी बाजार में पुलिस चौकी के पास मंचित की जाती है। इसे नंदीग्राम माना गया है। इसके पश्चात लीला पुनः गुड़ाही बाजार स्थित रामलीला भवन अर्थात अयोध्या में आ जाती है जहां सीता वनवास और लव कुश वीरता तक की लीलाएं रात्रि में नाटक मंचन द्वारा दिखायी जाती हैं। लगभग एक माह तक चलने वाली श्रीराम लीला को देखने के लिए स्थानीय लोगों सहित दूर-दराज के लोग भारी संख्या में आते हैं। इस वर्ष की श्रीराम लीला का औपचारिक शुभारम्भ गुरुवार को कलश पूजन व ध्वजारोहण के साथ किया गया। शुक्रवार को नगर ढिंढोरा और शनिवार को श्री रामायण पूजन के पश्चात रविवार से रामलीला का मंचन प्रारम्भ होगा।
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