प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के जन्मदिवस पर किया विरोध
रोजगार, महंगाई व निजीकरण के खिलाफ युवाओं ने उठाई आवाज
गोण्डा: 17 सितंबर 2021 को तेज़ बारिश व आंधी के बीच टीम संघर्ष के युवाओं तय कार्यक्रम के अनुसार ने देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के जन्मदिवस को राष्ट्रीय बेरोजगार दिवस के रूप में मनाते हुए देश में बढ़ रही बेरोजगारी मंहगाई व निजीकरण व्यवस्था का विरोध किया। उत्तर प्रदेश के साथ-साथ पूरा देश लगातार बेरोजगारी, मंहगाई व निजीकरण व्यवस्था की चपेट में बहुत तेजी से बढ़ रहा हैं। युवाओं ने सरकार पर आरोप लगाया कि सरकार युवाओं के अधिकार व रोजगार को दरकिनार कर सिर्फ निजीकरण पर जो दे रहीं हैं। चहेते उद्योगपतियों के हाथों में देश की संपत्ति देकर युवाओं के भविष्य के साथ खेल रहीं हैं। जहां जनपद में पिछले 24 घंटो से लगातार बारिश हो रही थी वहीं युवाओं का होंसला कम नहीं हुआ और बारिश के बीच युवाओं ने सिटी मजिस्ट्रेट को अपना ज्ञापन सौंपा। टीम संघर्ष संयोजक अभिषेक तिवारी 'एक चिंतक' ने कहा कि आज भले ही बारिश की वजह से संख्या कम हो किंतु देश का युवा अपने अधिकार के लिए पीछे नहीं हटेगा। आज युवा रोजगारपरक शिक्षा व प्रशिक्षण लेकर भी रोजगार नहीं पा रहा, मंहगाई इस तौर पर बढ़ गईं हैं कि गरीब तो गरीब यहां तक कि सामान्य परिवार को खर्चे पूरे नहीं पड़ रहें हैं। एक तरफ जहां भारत सरकार 5 किलो मुफ्त राशन का ढोंग कर रही है वहीं तेल, दाल, मसाले, सब्जी व गैस के दामों में बढ़ोतरी इस प्रकार हावी है कि आमजन की थाली से भर नहीं रहीं। जहां देश का युवा बेरोज़गारी का दंश झेल रहा है वहीं सरकार सरकारी संस्थाओं का निजीकरण कर उन्हें अपने चहेते उद्योगपतियों को देकर देश के युवाओं के भविष्य पर प्रहार कर रही है। सिर्फ उत्तर प्रदेश के सरकारी विभागों में आज लाखो रिक्त पद खाली पड़े हैं। छात्र नेता मेराज अहमद ने कहा कि पुलिस व आर्मी भर्ती की तैयारी कर रहे युवाओं की उम्र आज निकली जा रही है, सरकारी संस्थाओं में नौकरी के लिए तैयारी कर रहे युवाओं को कभी परीक्षा फार्म के नाम पर तो कभी पेपर लीक तो कभी कोर्ट के फैसले के नाम पर लूटा जा रहा है। सिद्धार्थ सिंह 'मोनू' ने विरोध प्रदर्शन में बतायआ कि पिछले साल 69000 शिक्षक भर्ती में हुए आरक्षण घोटालों से भी आप परिचित ही होंगे किंतु आंदोलनरत युवाओं की सूध लेने वाला कोई नहीं है। देश में हर ओर बेरोजगारी व महंगाई चरम पर है वहीं भाजपा सरकार की तानाशाही भी चरम पर ही है। अगर देश का छात्र, युवा व किसान अपने हक की अपने रोजगार की अपने लोकतांत्रिक अधिकार की आवाज उठाता है तो सरकार द्वारा फर्जी मुकदमे दर्ज कर उसके भविष्य भविष्य के साथ खिलवाड़ किया जा रहा हैं।
रवि यादव ने कहा कि अपने अधिकारों व तानाशाही के खिलाफ आवाज उठाने का हक हमें देश का संविधान देता हैं किंतु यह सरकार हमे रोजगार देने कि जगह मुकदमे दें रहीं।
प्रदर्शन में महेश चौधरी, रहमान वारसी, नवनीत कुमार, दादा यादव, अमन पाण्डेय, शुभम सिंह, बबलू सहित दर्जनों युवा शामिल हुए।
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