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अयोध्या के महन्त संजयदास का 36वाँ जन्मदिवस जन सेवा दिवस के रूप में मनाया गया

वासुदेव यादव 

अयोध्या। संकट मोचन सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष और हनुमागढ़ी के श्री महंत सद्गुरु ज्ञानदास महराज के परम शिष्य महंत संजयदास का 36वाँ जन्मदिन जन सेवा दिवस के रूप में मंगलवार को राम नगरी में बड़े ही धूमधाम व हर्षोल्लास से मनाया गया।

  इस दौरान महंत संजयदास महराज ने प्रातकाल सिद्धपीठ हनुमानगढ़ी मंदिर में दर्शन पूजनकर अपने गुरु महन्त ज्ञानदास से आशीर्वाद प्राप्त किए।

  इसके उपरांत महंत संजयदास व उनके शिष्यों व समर्थकों ने राजकीय श्रीराम हॉस्पिटल अयोध्या पहुंचकर वहां मरीजों को दूध फल व मिष्ठान आदि का वितरण किए। इसके अलावा नयाघाट कुष्ठ आश्रम, हनुमानगढ़ी सीढ़ी पर व अन्य गरीब जरूरतमंदों को फल फूल वस्त्र व मिष्ठान का वितरण किया गया।

  इसके उपरांत अपराहन सब्जी मंडी निकट भागवताचार्य स्मारक सदन में  सभा का आयोजन किया गया। जहां पर पूरी अयोध्या के प्रमुख धर्माचार्य संत महंत व शिष्य आदि शामिल हुए और महंत संजयदास को फूल माला पहनाकर स्मृति चिन्ह व उपहार भेंट कर स्वागत सम्मान कर उनके दीर्घायु तथा शतायु होने की मंगल कामना किए।

 

  इस दौरान महन्त संजयदास ने कहा कि मानवता से बड़ी कोई सेवा नही होती है। हर ज़रूरतमन्द की सेवा ही सच्ची सेवा है। हम अपने शिष्यों से भी अपील करते है कि सभी जन्मदिन में जनसेवा व जनहित के कार्यकर गरीबो के चेहरे पर मुस्कान लाने का प्रयास करें। जबकि जगतगुरु रामदिनेशचार्य ने कहा कि महंत संजयदास के कार्य सराहनीय है। वे हर वर्ष अपने जन्मदिन पर गरीबों जरूरतमंदों की मदद मदद करते हैं। जबकि स्वामी दिलीपदास महाराज ने कहा कि महंत संजयदास अयोध्या के युवा महंत हैं और सदैव ही जरूरतमंदों की मदद करते हैं। साधु संत सेवा बंदर सेवा गौ सेवा विद्यार्थी सेवा और पहलवानों की मदद करते रहते हैं।

 महन्त गिरीशपति त्रिपाठी ने उनको जन्मदिन की शुभकामनाएं दी व कहा कि हम सब उनके दीर्घायु होने की भगवान श्रीराम से मंगल कामना करते हैं। महंत संजयदास के अनुज राष्ट्रीय पहलवान हनुमानगढ़ी के प्रमुख पुजारी हेमंतदास महाराज ने बाबा संजयदास को माला पहनाकर व स्मृति चिन्ह भेंटकर आशीर्वाद प्राप्त किया। इस दौरान आए संतों महंतों शिष्यों को प्रसाद ग्रहण कराया गया।

 इस कार्यक्रम में महंत गिरीशपति त्रिपाठी, सुप्रसिद्ध संगीत व वाद्य यंत्र विद्या देने वाले राजीव पांडेय, महंत माधवदास, पहलवान अभिषेकदास, महंत मुकेशदास, महन्त हरिभजनदास, रसकुंज प्रतिष्ठान प्रोपराइटर विकास गुप्ता, कथावाचक अजीतदास रामायणी, गजाधरदास, श्री सत्यदेवदास, पहलवान कल्लू बाबा, विकास गुप्ता आदि शामिल रहें।

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