दुर्गा सिंह पटेल
मसकनवा गोंडा।यूपी के गोंडा में तेरहवीं का एक कार्ड चर्चा का विषय बना हुआ है. इस कार्ड को देखकर लोग तारीफ कर रहे हैं. अब आप सोच रहे होंगे ऐसा क्या है इस कार्ड में जिसके बारे में इतनी चर्चा हो रही है. दरअसल, यह कार्ड किसी इंसान की तेरहवीं का नहीं है, बल्कि यह कार्ड है एक गाय की तेरहवीं का है।
मामला गोंडा के खोडारे थाना क्षेत्र के ग्राम पंचायत घारीघाट के मजरा छगडिहवा का है यहां रहने वाले किसान मोर्चा के मंडल अध्यक्ष विन्देश्वरी वर्मा के घर पर एक 24 वर्षीय गाय 'लक्ष्मी' थी, जिसका हाल ही में निधन हो गया उन्होंने अपनी लक्ष्मी के तेरहवीं संस्कार के लिए कार्ड भी छपवाया है. वहीं, उन्होंने जब तेरहवीं का कार्ड बांटा,तो यह कार्ड पूरे गोंडा में चर्चा का विषय बन गया. इस कार्ड में उन्होंने लिखा है कि उनकी पूजनीय गौमाता का निधन 13 सितंबर को हो गया है,जो एक परिवार के सदस्य के रूप में थी जिसकी तेरहवीं 25 सितंबर को है।
बिंदेश्वरी वर्मा ने बताया कि 20 मई 1997 में गौ माता लक्ष्मी का जन्म उनके यहां हुआ था. इसके बाद से वह उनके परिवार का अभिन्न अंग हो गई थी.लक्ष्मी के अलावा भी दो और गोवंश उनके पास थे. लेकिन परिवार का जुड़ाव लक्ष्मी से बहुत ज्यादा था. वह कहते हैं कि लक्ष्मी ने उनके परिवार की खूब सेवा की है.उनके लड़के लक्ष्मी का दूध पीकर बड़े हुए हैं. परिवार ने भी लक्ष्मी की खूब सेवा की है. परिवार का लक्ष्मी के साथ बहुत ज्यादा जुड़ाव हो गया था. वह बिल्कुल परिवार के सदस्य की तरह रहती थी. लक्ष्मी के साथ 24 साल कब बीत गए उन्हें पता ही नहीं चला.
विन्देश्वरी वर्मा कहते हैं कि बीते 13 सितंबर को लक्ष्मी का निधन हो गया. लक्ष्मी के निधन के बाद से परिवार के लोग दुखी हैं. सालों से उनके परिवार का और लक्ष्मी का अटूट रिश्ता रहा है. लक्ष्मी के निधन के बाद से उन्होंने सभी हिंदू रीति-रिवाजों के अनुसार उसकी अंतिम क्रिया को संपन्न कराया. घर के ही परिसर में गड्ढा खोदा गया. पूरे रीति-रिवाज के साथ अंतिम क्रिया सम्पन्न हुई।
तेरहवीं के लिए हजारों लोगों को बांटे कार्ड
विन्देश्वरी वर्मा ने बताया कि उन्हें गायों के प्रति अटूट प्रेम है. वह गौहत्या जैसी खबरों को देखकर दुखी हो जाते थे. इसीलिए उन्होंने फैसला किया कि वह लक्ष्मी के निधन के बाद उसकी तेरहवीं भी करेंगे. इससे समाज में एक संदेश जाएगा. उन्होंने हजार से अधिक तेरहवीं के कार्ड क्षेत्र में बटवाएं हैं.उन्हें पूरी उम्मीद है कि लोग लक्ष्मी की तेरहवीं में जरूर आएंगे।
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