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गोण्डा:जिले में आपदा प्रबंधन को राजेश ने दी नई दिशा, आपदा न्यूनीकरण के क्षेत्र में किया उत्कृष्ट कार्य

 

बी पी त्रिपाठी

गोंडा । राजेश श्रीवास्तव यूं तो पिछले 12 वर्षा से आपदा प्रबंधन के क्षेत्र में अपनी सेवा दे रहे हैं। परन्तु जनपद में बतौर जिला आपदा विशेषज्ञ राजेश श्रीवास्तव विगत चार वर्षों से अपना दायित्व निभा रहे हैं। आपदा प्रबंधन को लेकर विगत वर्षों में उनके नवाचारों और लगातार मेहनत ने उन्हें जिले में एक नई पहचान दी है। राजेश ने लखनऊ विश्वविद्यालय से आपदा प्रबंधन में परास्नातक के साथ साथ मास्टर ऑफ सोशल वर्क लखनऊ विश्व विद्यालय से किया है। पढाई खत्म करने के बाद राजेश ने वर्ष 2008 में आपदा प्रबंधन में अपनी सेवाए अनवरत दे रहें हैं। राजेश श्रीवास्तव द्वारा विगत वर्षों में बाढ़ की विभीषिका और कोरोना वैश्विक महामारी के दौरान जनजागरूकता, राहत व बचाव कार्य में अप्रतिम भूमिका निभाई गई। वर्ष 2018 में राजेश श्रीवास्तव गोण्डा जिला प्रशासन से जुड़े और आपदा प्रबंधन प्राधिकरण को एक नई दिशा दी।

जिला आपदा विशेषज्ञ के रूप में राजेश ने बाढ़ के पूर्व प्रभावित क्षेत्र में माॅक ड्रिल कराने के साथ ही, शीत लहर के दौरान देर रात जगकर दूरस्थ क्षेत्रों में जाकर जरूरतमंदों को मदद पहुंचाने के साथ ही जिला प्रशासन के संज्ञान में लाते हुए सरकारी मदद मुहैया कराई। बाढ़ के दौरान तहसील करनैलगंज और तरबगंज के बाढ़ प्रभावित गांवों में जाकर वहां के लोगों को वालेन्टियर के रूप में तैयार कर उन्हें प्रशिक्षण दिलाया। सूचनाओं का प्रेषण करने के साथ ही उन्हें राहत कार्य के लिए मानसिक रूप से तैयार करते हुए आपदा के दौरान मदद ली। उनके साथ काम करने वाले कई स्वयं सेवक अपने-अपने क्षेत्रों में आज भी जरूरतमंदों को मदद मुहैया करा रहे हैं।

बाढ़ की दृष्टि से संवेदनशील क्षेत्र होने के नाते गोण्डा के लोगों को बाढ़ की विभीषिका झेलनी पड़ती है। राजेश ने यहां राष्ट्रीय आपदा मोचक बल ( एनडीआरएफ ) की यूनिट के साथ बेहतर समन्वय स्थापित करते हुए जब-जब जरूरत पड़ी यूनिट का पूरा सहयोग दिलाने में अहम भूमिका निभाई है जिसके फलरूवरूप जिले में बाढ़ में घिरे लोगों को राहत पहुंचाने में एनडीआरएफ का महत्वपूर्ण योगदान रहा। इसके अलावा राजेश ने प्राकृतिक आपदाओं के समय सैकड़ों गांवों में तमाम लोगों को राहत पहुचाने का कार्य किया है। प्राकृतिक आपदा से किसी को कोई नुकसान होता है या जान जाती है तो राजेश श्रीवास्तव दिन-रात मेहनत कर उसे जल्द से जल्द क्षतिपूर्ति दिलाने में भी पीछे नहीं रहते हैं। कोविड-19 संक्रमण काल के समय लोगों को मेडिकल की कमी से जूझना न पड़े और कोरोना से राहत देने वाली दवाइयों और इंजेक्शन की कमी न हो इसके लिए राजेश श्रीवास्तव कलेक्ट्रेट स्थित कोविड कमाण्ड सेन्टर में दिन रात मोर्चा संभाले रहे। कोविड संकट के दौरान स्थिति का जायजा लेने जनपद भ्रमण पर अचानक पंहुचे मा0 मुख्यमंत्री जी ने गोण्डा के कोविड कमाण्ड कन्ट्रोल रूम की मुक्त कंठ से प्रशंसा करते हुए गोण्डा मॉडल को अन्य जिलों में लागू करने को कहा था। राजेश श्रीवास्तव की अगुवाई में कोरोना संकट के दौरान 56 कर्मियों की टीम द्वारा शानदार काम करते हुए कोविड प्रभावितों को राहत पहुंचाई गई।


राजेश श्रीवास्तव द्वारा आपदा से बचाव को लेकर क्या करें, क्या न करें तथा कोविड बुलेटिन, शील लहर बुलेटिन, राहत वितरण की रोजाना सूचना का प्रेषण, आदि की जानकारी लगातार मीडिया के माध्यम से जनसामान्य तक पहुंचाने के साथ ही मीडिया की कार्यशाला का भी उम्दा आयोजन कराया जिसमें जिले के मीडिया कर्मियों को आपदा न्यूनीकरण के बारे में जानकारी दी गई। राजेश श्रीवास्तव वर्तमान में आपदा प्रबंधन का पर्याय बन चुके हैं।

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