रजनीश/ज्ञान प्रकाश
करनैलगंज(गोंडा)। आखिरकार बाबा नगरिया दूर है का नारा गुरुवार को चरितार्थ दिखाई दिया। जहां बाबा नगरिया दूर है जाना बहुत जरूर है के नारे लगते थे, जहां दस लाख कांवरियों के बोल बम व जयकारों की गूंज होती थी वहां सन्नाटे दस्तक रही। प्रतिदिन स्नान करने वाले करीब एक हजार लोगों को भी स्नान करने से रोंका गया।
क्षेत्र के विभिन्न शिव मंदिरों में जहां जलाभिषेक व शिव के जयकारों की धूम रहती थी वहां भी सन्नाटा छाया रहा। करनैलगंज के सरयू तट पर पुलिस ने कांवरियों को रोकने के लिए सुरक्षा का जाल बिछा रखा था। सरयू घाट तक जाने वाले सभी मार्गों को बल्ली और बांस के सहारे बंद करके भारी संख्या में पुलिस बल तैनात कर दिया गया। जिससे एक भी कांवरिया सरयू घाट तक पहुंचने ना पाए।
यही नही आम दिनों में घाट पर स्नान करने के लिए आने वाले एक हजार से अधिक श्रद्धालुओं को भी स्नान के लिए रोंका गया। जिलाधिकारी मार्कंडेय शाही द्वारा कोरोना महामारी के मद्देनजर विभिन्न शिव मंदिरों में जलाभिषेक करने के लिए जल भरने के लिए आने वाले करीब 10 लाख कांवरियों को रोकने के लिए मेले के आयोजन पर प्रतिबंध लगा दिया था। इसके अलावा जिले के कई शिव मंदिरों के महंत द्वारा मंदिर के कपाट बंद होने का फरमान जारी किया गया था। जिस पर पुलिस ने सरयू घाट पर कड़ा पहरा लगाते हुए घाट तक पहुंचने वाले सभी मार्गों को सील कर दिया और भारी संख्या में पुलिस बल तैनात कर दिया। जिससे कोई भी कांवरिया सरयू घाट तक न पहुंचने पाए। उल्लेखनीय है कि कजरी तीज गुरुवार को थी और उसके 1 दिन पूर्व सरयू घाट पर करीब 10 लाख से अधिक कांवरियों के जुटने की संभावना थी। जिस पर प्रशासन द्वारा कोविड-19 महामारी के दृष्टिगत मेले के आयोजन पर रोक लगा दी गई। सरयू घाट पर चप्पे-चप्पे पर पुलिस तैनात की गई और कांवरियों को आने से पूरी तरह रोक दिया गया। इस वर्ष भी जिले का सबसे बड़ा मेला कोरोना की भेंट चढ़ गया। उपजिलाधिकारी हीरालाल व सीओ मुन्ना उपाध्याय कोतवाल प्रदीप कुमार सिंह लगातार घाट पर बने रहे। सरयू घाट पर कोतवाल प्रदीप कुमार सिंह भारी संख्या में पुलिसकर्मियों के साथ मौजूद रहे।
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