बी पी त्रिपाठी
गोण्डा: 16 सितम्बर। घाघरा का जलस्तर खतरे के निशान से काफी नीचे आने के बाद एक बार फिर खतरे के निशान को छूने के लिए बेताब हो गया है। जिससे बांध के आसपास बसे गांवों के ग्रामीणों की धड़कन बढ़ गई हैं। एक तरफ बांध को मजबूत करने का काम चल रहा है तो घाघरा अपना रूप बदल बदल कर नीचे ऊपर होने का रौद्र रूप दिखा रही है। बुधवार की शाम से लगातार हो रही बारिश से घाघरा का जलस्तर बढ़ा है। इसके अलावा करीब पौने तीन लाख क्यूसेक पानी विभिन्न द्वारा जो के जरिए छोड़ा गया जो घाघरा में शुक्रवार की सुबह से पहुंचना शुरू होगा। जिससे नदी का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर जा सकता है। गुरुवार को नदी का जलस्तर खतरे के निशान 106.07 के सापेक्ष 105.786 पर चल रहा था। जो खतरे के निशान से करीब 29 सेंटीमीटर नीचे है। मगर बैराज से छोड़े गए 2 लाख 69 हजार 425 क्यूसेक पानी के शुक्रवार सुबह तक पहुंचने के आसार दिखाई दे रहे हैं। इसके अलावा नदी के आसपास के सभी जिलों में हो रही लगातार मूसलाधार बारिश से जलस्तर में बढ़ोतरी तेजी से हो सकती है। इसके अलावा बारिश के चलते एल्गिन चरसडी बांध पर मरम्मत का कार्य प्रभावित हुआ है। बांध में कई जगह रैंनकट्स आ गए हैं। जिससे बांध कमजोर हो रहा है। उधर ग्राम चंदापुर किटौली में एल्गिन चरसडी बांध पर जहां पर कटान हुई थी। वहां पर बांध को मजबूत कर लिया गया मगर उसके आसपास बांध से सटकर नदी का बहाव तेजी से हो रहा है। जिससे बांध को खतरा बना हुआ है। नदी की धारा बांध से जहां 400 मीटर से अधिक दूरी पर थी वह नदी बांध के किनारे आ गई है। जिससे बांध को खतरा बना हुआ है। हालांकि बांध पर लगातार निगरानी चल रही है फिर भी नदी में उठ रहे मशीना से बांध को खतरा कम नहीं हुआ है। बल्कि किसी भी समय मसीना उठने से कहीं भी बांध में कटान शुरू हो सकती है। उधर शुक्रवार को बाढ़ व बांध की निगरानी करने वाले किसी भी अधिकारी के मोबाइल पर कॉल रिसीब नही हुई। एसडीएम हीरालाल का कहना है कि बांध पर निगरानी के लिए राजस्व निरीक्षक व लेखपाल की टीम के साथ बाढ़ खण्ड के अधिकारियों को निर्देशित किया गया है। बांध के आसपास के गांवों में भी निगरानी चल रही है।
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