- खेत सड़क सब एक है, बंद हुई है राह।
- घर के अंदर बैठकर, निकले मुँह से आह।।
- क्षमा करें ग़लती सभी , हम सब है नादान।
- वर्षा रोकें अब प्रभू, है प्राणी हैरान।।
- छप्पर गिरा गरीब का, टपके ख़ूब मक़ान।
- सबके मन व्याकुल व्यथित, घबराई है जान।।
- दृश्य हुआ भीषण प्रभू, अब हो जाये शांत।
- गाँव नगर जल मग्न हैं, कैसे दूँ दृष्टांत।।
- धरती माता तृप्त हैं, मौसम करिए साफ़।
- इंद्रदेव से प्रार्थना , गलती हो सब माफ़।
अंजनी अमोघ
गर्ग निलयम।
लालगंज !
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