रजनीश/ज्ञान प्रकाश
करनैलगंज(गोंडा)। ग्रामीण क्षेत्रों में 18 और शहरी क्षेत्रों में 20 घंटे बिजली आपूर्ति किये जाने का दावा किया जा रहा है। मगर दावे के विपरीत महज 8 से 10 घंटे ही विद्युत आपूर्ति की जाती है। उसमें भी बार-बार ट्रिपिंग, लो-वोल्टेज की समस्याओं से नगर व ग्रामीण इलाके के उपभोक्ता परेशान हैं। बार-बार बिजली कटने से बिजली से चलने वाले उपकरण खराब हो रहे हैं। गर्मी से बेहाल लोगों का दिन तो किसी तरह कट जाता है, लेकिन रात की कटौती लोगों को रूला दे रही है। बिजली की ट्रिपिग से सबसे अधिक समस्या घरों में रहने वाली महिलाओं और छोटे बच्चों को हो रही है। कारण वह गर्मी से बचने के लिए किसी खुले स्थान पर भी नहीं जा पा रहे हैं। किसान दिन-रात जागकर जानवरों से अपनी फसलों की रखवाली करने के बाद सुकून से दो घंटे पंखे की हवा में सो भी नहीं पा रहे हैं। रात में विद्युत कटौती से ग्रामीण इलाकों में अंधेरा छा जाता है जिससे गांवों में चोरियां भी बढ़ गई हैं। करनैलगंज रेलवे क्रासिंग के निकट नई बस्ती, छतईपुरवा गांव के जर्जर बिजली तार के टूटने का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। इससे आए दिन आपूर्ति बाधित रहती है। इस प्रचंड गर्मी में उपभोक्ताओं को भारी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। हुजूरपुर रोड स्थित छतईपुरवा के पास लगे ट्रांसफर पर अधिक लोड रहता है। एलटी तार काफी जर्जर एवं पुराना हो चुका है। कई स्थानों पर तारों में जगह-जगह जोड़ लगाए गए हैं। सबसे दयनीय स्थिति हुजूरपुर रोड से नई बस्ती के बिजली तारों की है। उमस भरी गर्मी में जब लोड अधिक बढ़ता है तो बार-बार तार टूटता रहता है। इससे रात व दिन बिजली आपूर्ति बाधित रहती है। जबकि प्रदेश सरकार ने फरमान जारी किया है कि सभी जर्जर तारों को बदल दिया जाए। ग्रामीण क्षेत्रों में सुचारू रूप से विद्युत आपूर्ति किया जाए। इसमें किसी तरह की लापरवाही न बरतें। बावजूद इस के अधिकारियों के कानों तक जूं नहीं रेंग रहे है। अपने मनमाने ढंग से कार्य कर रहे हैं। इस समस्या के समाधान के लिए ग्रामीणों ने कई बार बिजली विभाग व एसडीएम को प्रार्थना पत्र भी दिया, फिर भी अभी तक इसका समाधान नहीं किया गया। इस संबंध में जेई सूरज प्रसाद का कहना है जर्जर तार को हटवाकर शीघ्र ही केबल डाला जाएगा। शाशन से जारी रोस्टर के अनुरूप ही विद्युत आपूर्ति की जाती है।
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