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BALRAMPUR:परीक्षा केंद्र तक भरा पानी, परीक्षार्थियों को हुई परेशानी


अखिलेश्वर तिवारी
जनपद बलरामपुर में मंगलवार को पेट की परीक्षा जिले भर के 16 स्कूलों में संपन्न कराई गई । जिनमें से 10 परीक्षा केंद्र जिला मुख्यालय पर बनाए गए थे तथा 6 परीक्षा केंद्र उतरौला तहसील क्षेत्र में बनाए गए थे । प्रथम पाली में 8424 परीक्षार्थी सम्मिलित होने थे वहीं दूसरी पाली में 8417 परीक्षार्थियों को परीक्षा में प्रतिभाग करना था । प्रथम पाली में 914 परीक्षार्थियों ने परीक्षा छोड़ी जबकि द्वितीय पाली में 817 परीक्षार्थियों ने परीक्षा छोड़ दी । जिला विद्यालय निरीक्षक गोविंद राम ने बताया कि प्रथम पाली में 7510 तथा द्वितीय पाली में 7600 परीक्षार्थियों ने परीक्षा दी ।




जानकारी के अनुसार जिले जिले के कुल 16 परीक्षा केंद्रों पर पेट की परीक्षा संपन्न कराई गई । कुछ ऐसे विद्यालयों को परीक्षा केंद्र बनाया गया जो जलभराव वाले स्थानों में मुख्य मार्ग से काफी दूर खेतों में बनाए गए हैं । उन्हीं में से एक विद्यालय है कुबेर मती इंटर कॉलेज श्रीदत्तगंज जो मुख्य मार्ग से काफी दूर बना है । इस विद्यालय में 360 परीक्षार्थियों को परीक्षा देनी थी । 
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भारी बरसात के कारण कुबेर मती इंटर कॉलेज तक पहुंचने के लिए रास्ते में एक से दो फुट पानी भरा था । साथ ही विद्यालय के चारों तरफ यहां तक कि विद्यालय परिसर में भी जलभराव की स्थिति बनी रही । तमाम विषम परिस्थितियों के बीच परीक्षार्थियों ने पानी में घुसकर परीक्षा केंद्र तक जाने की जहमत उठाई और एन केन प्रकारेण परीक्षा को संपन्न कराया । यहां सवाल ये उठता है कि परीक्षा केन्द्र नर्धारण के समय क्या परीक्षार्थियों की सुविधा का ख्याल रखना जरूरी नहीं था । जिला विद्यालय निरीक्षक गोविंद राम से इस पूरे प्रकरण पर बात की गई तो उन्होंने बात को टालते हुए सब कुछ मौसम पर डाल दिया । जिला मुख्यालय तथा तहसील मुख्यालय पर कई सारे ऐसे विद्यालय हैं जहां पर सुलभता से पहुंचा भी जा सकता है और परीक्षा भी दी जा सकती है, परंतु उन्हें परीक्षा केंद्र नहीं बनाया गया ।सुदूरवर्ती ग्रामीण क्षेत्र में बने विद्यालय को परीक्षा केंद्र बनाने के पीछे शिक्षा विभाग की क्या मंशा है यह तो वही जाने, पर परीक्षार्थियों के लिए मुसीबत बन कर खड़ा हो रहा है । पूरी व्यवस्था को लेकर परीक्षार्थियों में काफी आक्रोश था । वहीं जिला विद्यालय निरीक्षक अपनी जिम्मेदारी से बचते दिखाई दिए । जिला विद्यालय निरीक्षक का कहना था कि थोड़े से पानी में घुसकर जाने में क्या हर्ज है ।

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