रजनीश/ज्ञान प्रकाश
गोंडा। उर्वरक विक्रेताओं के यहां हो रही ताबड़तोड़ छापेमारी से उर्वरक विक्रेता पशोपेश में आ गए हैं। जिलाधिकारी मार्कंडेय शाही ने जिले की चारों तहसीलों में अलग-अलग टीमों को बनाकर थोक एवं फुटकर उर्वरक विक्रेताओं के यहां एक साथ छापेमारी कराई और पीओएस मशीन के स्टाक के साथ मौके पर मौजूद स्टॉक का भौतिक सत्यापन भी कराया।
इसके लिए करनैलगंज तहसील में उप जिलाधिकारी हीरालाल, जिला कृषि अधिकारी जेपी यादव एवं गोंडा सदर में जिला कृषि अधिकारी एवं मजिस्ट्रेट, मनकापुर तहसील में एसडीएम मनकापुर व एसडीओ कृषि, तरबगंज तहसील में एसडीएम तरबगंज एवं एआर कोऑपरेटिव की टीम बनाई गई। न्याय पंचायत स्तर पर कृषि विभाग के अधिकारी, ब्लॉक स्तर पर एडीओ एग्रीकल्चर तथा तहसील स्तर पर उप जिलाधिकारी एवं जिला उद्यान अधिकारी की टीम द्वारा छापेमारी कराई गई। जिसमें उर्वरक की दुकानों पर पीओएस मशीन पर दर्ज स्टॉक का दुकान एवं गोदाम से भौतिक सत्यापन कराया गया एवं थोक विक्रेताओं के गोदाम का निरीक्षण करके कंपनियों के बफर गोदाम का निरीक्षण किया गया। इस छापेमारी में जिले के लगभग सभी उर्वरक विक्रेताओं के यहां औचक निरीक्षण हुआ है। जिससे उर्वरक के व्यापारी पशोपेश में आ गए हैं। लगातार हो रही छापेमारी से उर्वरक विक्रेताओं में दहशत व्याप्त है। जिला कृषि अधिकारी जेपी यादव ने बताया किसी भी दुकान पर बिना पीओएस मशीन के उर्वरक की बिक्री नहीं होगी या बिना मशीन के बिक्री करते हुए पाए जाने पर उर्वरक व्यापारी के विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी। इसके अलावा यदि निर्धारित मूल्य से अधिक मूल्य पर उर्वरक की बिक्री पाई जाती है तो संबंधित व्यापारी के विरुद्ध आवश्यक वस्तु अधिनियम के तहत मुकदमा पंजीकृत कराया जाएगा।
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