गोण्डा:सोमवार को मनकापुर कोतवाली पुलिस के अभिरक्षा में 18 वर्षीय बालिका के अपने हाथ की नस काटकर आत्महत्या करने के प्रयास के बाद पुलिस महकमे में हड़कमप मच गया।आनन फानन में पुलिस ने उसे समुदायिक स्वास्थ केन्द्र मनकापुर पंहुचाया जहाँ डाक्टर ने ज़िला अस्पताल के लिए रेफ़र कर दिया।हालांकि पुलिस कस्टडी में इस तरह से आत्महत्या की कोशिश करना पुलिस के कार्य शैली पर भी सवाल खड़ा कर रहा है
मनकापुर कोतवाली क्षेत्र के एक गाँव निवासी ने करीब एक हफ़्ते पूर्व अपनी बेटी को बहला फुसलाकर भगा ले जाने का आरोप एक युवक पर लगाया था।पुलिस ने पीड़ित पिता के तहरीर पर मुकदमा दर्ज करते हुए लड़की को बरामद कर आरोपी युवक को भी गिरफ़्तार कर लिया था।बताया जाता है की लड़की बयान के लिए पुलिस कस्टडी में थी,जहाँ उसे वन स्टॉप सेंटर में ना रख कोतवाली परिसर में बने महिला आरक्षी आवास पर रखा गया था।इसी दौरान उसने अपने बायें हाथ का नस काटकर आत्महत्या करने का प्रयास किया।पुलिस अभिरक्षा में बालिका द्वारा नस काटे जाने से पुलिस विभाग में हड़कमप मच गया।पुलिस तत्काल उसे समुदायिक स्वास्थ केन्द्र मनकापुर ले गयी।जहाँ मौजूद चिकित्सक डाक्टर रविश ने प्राथमिक उपचार करते हुए ज़िला अस्पताल के लिए रेफ़र कर दिया।घटना दोपहर करीब 1:30 बजे के आस पास् बतायी जाती है। लेकिन रेफ़र होने के बाद भी कोतवाली पुलिस मामले को छुपाते हुए महिला को ज़िला अस्पताल ले जाने के बजाए शाम तक मनकापुर अस्पताल में ही रखे रही।जहाँ शाम करीब 5 बजे महिला को सीएचसी मनकापुर से थाने पंहुचा कर मामले को शांत करने की कोशिश में लगी रहती है।इस दौरान पीड़ित महिला दर्द झेलती रही।मगर मनकापुर पुलिस इलाज के बजाए पूरे मामले में लीपापोती करने में जुटी रही
अब सवाल उठता है की पुलिस कस्टडी में कैसे एक बालिका आत्महत्या का प्रयास कर सकती है?
आखिर क्या कारण हो सकते हैं,जिससे लड़की को मजबूर होकर ये कदम उठाना पड़ा?
कहीं पुलिस अपने मन मुताबिक बयान दिलवाने के लिए लड़की पर दबाव तो नहीं बना रही थी?
और अगर किसी अन्य कारण आत्महत्या का प्रयास करती भी है तो उसके पास नस काटने वाला ब्लेड कहाँ से आता है?
पुलिस सब कुछ जानकार भी लापरवाह क्यू बनी रहती है?
जब डाक्टर महिला की हालत गम्भीर देख तत्काल रेफर कर देते हैं तो पुलिस उसे शाम तक भी ज़िला अस्पताल क्यू नहीं ले जाती है?
इस घटना के बाद से ही मनकापुर पुलिस की कार्यशैली पर ऐसे तमाम सवालिया निशान खड़े कर रहें हैं
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