वासुदेव यादव
अयोध्या। सावन झूला मेला के अंतिम दिन राम नगरी में फूलों का रंग प्रगाढ़ रहा। यहां के प्राचीन मठ मंदिरों में विगत कई दिनों से झूलन उत्सव का क्रम जारी रहा। रक्षाबंधन के दिन पूर्णिमा स्नान के साथ ही सावन झूला मेला का समापन हो गया। शासन प्रशासन ने मेला सकुशल संपन्न होने पर राहत की सांस ली है।
बता दें कि अयोध्या के दर्जनों मठ मंदिरों में देर शाम भगवान को झूला पर विराजमान सर देर शाम से रात तक झूला झुलाया जाता रहा।
अयोध्या श्यामा सदन मन्दिर के महन्त श्रीधरदास महराज के सानिध्यता में झूला महोत्सव मनाया गया। गीत संगीत व नृत्य की त्रिवेणी यहां प्रवाहित हुई। जबकि पत्थर मन्दिर के महन्त मनीष दास के सानिध्य में शास्त्रीय संगीत से कलाकारों ने समा बांधे रखा।
तो वही दूसरी ओर जानकी घाट बड़ा स्थान, श्री राम वल्लभा कुंज, दशरथ महल, बधाई भवन, लक्ष्मण किला, झुंकी घाट, मोनी माझा, रंग वाटिका, पत्थर मन्दिर, श्यामा सदन, रंगमहल, गमला बाबा का स्थान, परमहंस आश्रम आदि जगहों पर झुलनउत्सव की धूम मची रही। इस दौरान अयोध्या में भक्तो की काफी भीड़ रही। हर गली व मठो में झूला देखने व झुलाने को भक्त गण उत्सुक देखे गए।
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