रजनीश /ज्ञान प्रकाश
करनैलगंज(गोंडा)। घाघरा के उत्पाती पानी से बांध की कटान कम होने का नाम नही ले रही है। एक तरफ नदी का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है। बाढ़ के खौफ से लोगों में दहशत का माहौल है। वहीं विभिन्न बिराजो से दो दिनों के भीतर छोड़े गए करीब 6 लाख क्यूसेक पानी की आमद शुरू हो गई है।
जिससे घाघरा का जलस्तर अगले दो दिनों में चेतावनी बिंदु से दो फिट ऊपर जाने की संभावना बन गई है। जिससे बांध पर खतरों के बादल मंडराने लगे हैं। एल्गिन चरसडी बांध की मानो सामत आ गई है। एक तरफ कट रहे बांध को बचाने की जद्दोजहद तेजी से चल रही है वहीं कटान स्थल पर बांध को मजबूत करने के लिए पत्थर एवं बोल्डर लगाकर उसे मजबूत किया जा रहा है। तो दूसरी तरफ नदी उस स्थान से हटकर दूसरे स्थान पर नदी बांध के किनारे सट कर कटान करने लगी है।
एल्गिन चरसडी बांध से करीब 400 मीटर से अधिक दूरी पर नदी के धारा थी। जो अचानक मुड़कर बांध के समीप आ गई हैं और कटान करने लगी है। ग्राम चन्दापुर किटोली के मजरा सियाराम पुरवा के सामने बांध में हो रही कटान को रोकने के लिए पिछले 5 दिनों से लगातार एसडीएम और सिंचाई विभाग के अधिकारी डेरा जमाए हुए हैं। वहां पर बांध को मजबूती देने का कार्य तो चल ही रहा है।
वहीं उस स्थान से 500 मीटर की दूरी पर बनाए गए स्पर के बीच नदी की धारा बांध के नजदीक पहुंच चुकी है। जो बांध को कभी भी कटान की जड़ में ला सकती है। गुरुवार को नदी का जलस्तर सुबह तक खतरे के निशान से 8 सेंटीमीटर ऊपर चल रहा था और दोपहर बाद अचानक पानी बढ़ने लगा और बुधवार को छोड़े गए विभिन्न बैराजों से करीब साढ़े तीन लाख क्यूसेक पानी की आमद शुरू हो गई थी। गुरुवार को भी करीब साढ़े तीन लाख क्यूसेक पानी तीन अलग अलग बैराजों से छोड़ा गया है। जिसकी आमद शुक्रवार को शुरू होगी। ऐसी स्थिति में घाघरा नदी खतरे के निशान 106.07 के सापेक्ष नदी का जलस्तर करीब 2 फीट ऊपर जाने की संभावना बन गई है। जिससे बांध के अन्य स्थानों पर भी खतरा पैदा हो गया है। मौके पर उप जिलाधिकारी हीरालाल, सिंचाई विभाग के एक्सईएन, एई एवं जेई लगातार बांध पर बने हुए हैं और जेसीबी व पोकलैंड मशीनों से बांध की मरम्मत का कार्य चलाया जा रहा है। एसडीएम हीरालाल ने बताया कि लगातार बांध पर कैंप करके निगरानी की जा रही है। जहां पर बांध में कटान हो रही थी वहां बांध को मजबूत कर लिया गया है और बांध को सुरक्षित करने का कार्य युद्ध स्तर पर चलाया जा रहा है।
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