सुनील उपाध्याय
बस्ती। भारतीय जनता पार्टी विधायक संजय प्रताप जायसवाल जी ने नियम 301 के तहत प्रमुख सचिव विधानसभा को पत्र भेजकर कृषि यंत्रीकरण योजना में व्याप्त भ्रष्टाचार के जिम्मेदारों के विरूद्ध कड़ी कार्रवाई किये जाने की मांग किया है।भेजे पत्र में विधायक संजय प्रताप जायसवाल ने कहा है कि कृषि विभाग में किसान हितों के लिये सरकार की महत्वाकांक्षी कृषि यंत्रीकरण योजना एवं कस्टम हायरिंग के तहत कृषि उपकरणों की खरीद के लिये कुछ फर्मो द्वारा कृषि विभाग के कर्मचारियोें, अधिकारियोें के मिली भगत से फर्जी बिल बाउचर लगाकर सरकारी धन का दुरूपयोग किया जा रहा है।
विधायक ने भेजे पत्र में कहा है कि उन्हें अवगत कराया गया है कृषि निदेशक बस्ती के कार्यालय में तैनात कृषि यंत्रीकरण योजना के पटल सहायक फर्जीवाडे के मुखिया है। धन उगाही का कार्य भी उनके द्वारा ही कराया जाता है, वे कई वर्षो से एक ही पटल पर नियुक्त हैं। विधायक ने पत्र में कहा है कि इस सम्बन्ध में पूर्व में ही मुख्यमंत्री के साथ ही अन्य विभागीय अधिकारियों को अवगत कराया गया है। इस आधार पर बस्ती में कृषि यंत्रीकरण योजना में व्याप्त भ्रष्टाचार की जांच कृषि निदेशक उ.प्र. के आदेश पर उप निदेशक गोरखपुर मण्डल की अध्यक्षता में चार सदस्यीय जांच कमेटी गठित करने के लिये 3 मार्च 2021 को ही आदेशित किया गया। यही नहीं कृषि यंत्रीकरण पटल सहायक को 28 जुलाई 2021 को बलरामपुर जनपद में स्थानान्तरण हेतु आदेशित किया गया किन्तु उप निदेशक कृषि बस्ती ने शासनादेश की उपेक्षा करते हुये उन्हें कार्यमुक्त नहीं किया गया।विधायक संजय प्रताप जायसवाल जी ने कृषि यंत्रीकरण योजना में व्याप्त भ्रष्टाचार का खुलासा करते हुये कहा है कि जहां एक तरफ मामले की जांच चल रही है वहीं कृषि विभाग द्वारा फर्जीवाडे में लिप्त फर्मो के फर्जी बिल बाउचर पर करोड़ो रूपये का पटल सहायक , उप निदेशक कृषि के मिलीभगत से भुगतान किया जा रहा है। उन्होने किसान हित से सम्बंधित इस मामले में त्वरित जांच और प्रभावी कार्रवाई किये जाने का आग्रह किया है। यह जानकारी विधायक संजय प्रताप जायसवाल के मीडिया प्रभारी अमर सोनी ने दी है।
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