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गोण्डा:बेटो के बेरुखी से दर-दर की ठोकरें खाने को विवश है वृद्ध महिला

रजनी ज्ञान प्रकाश

करनैलगंज(गोंडा)। बेटों की बेरुखी से एक वृद्ध महिला दर दर की ठोकरें खाने को विवश है। पति की मृत्यु के बाद वरासत में न तो महिला का नाम दर्ज हुआ और न बेटे ही उसे कुछ दे रहे हैं। जिससे वृद्ध महिला भूखों मरने के लिए विवश है। मामला करनैलगंज विकासखंड के मजरा खजुरिया के निधान पुरवा का है। जहां लगभग 25 वर्ष पूर्व विमला देवी के पति की मृत्यु होने के बाद उसके नाम वरासत भी नहीं की गयी। बल्कि उसके तीनों बेटों के नाम वरासत कर दी गयी। विमला देवी बेटों के भरोसे थी। मगर अब बेटों ने भी उसे कुछ भी देना बंद कर दिया। जिससे वह दर-दर भटकने व भूखों मरने के लिए विवश है। दूसरी तरफ महिला द्वारा कोतवाली में दी गई तहरीर में कहा है कि उसका एक बेटा नशेड़ी नशेड़ी किस्म का है। उसको बहला-फुसलाकर उसके दामाद ने अपने बेटे राकेश उर्फ राजेश कुमार की पत्नी मीरा निवासी ग्राम पारा शुक्ल पुरवा के नाम से लगभग दो बीघा जमीन बैनामा करवा लिया। इससे महिला विमला देवी काफी परेशान है। महिला ने न्याय के लिए जिलाधिकारी से गुहार की है। उधर कोतवाल प्रदीप कुमार सिंह बताते हैं कि कोई तहरीर प्राप्त नही हुई है। मामला राजस्व विभाग से सम्बंधित है।

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