क्षेत्र में चर्चा का विषय बना बेलगाम दरोगा
ए. आर. उस्मानी
गोण्डा। एक मुस्लिम परिवार पर बेलगाम दरोगा का गुस्सा कहर बनकर टूटा। बगैर किसी खता के बेगुनाहों को जो सजा दी गई, उसे सुनकर गांव में सन्नाटा पसर गया और लोग मोहर्रम की सातवीं से लेकर दसवीं तक अपने घरों में कैद रहे।
मामला मोतीगंज थाना क्षेत्र के राजापुर परसौरा गांव का है। यहां राजगढ़ बाजार से थोड़ी दूरी पर मुस्लिम समुदाय के कुछ घर हैं। बताया जाता है कि मोहर्रम की सातवीं को चबूतरे की धुलाई तथा साफ-सफाई की जा रही थी कि इसी बीच वहां पहुंचे मोतीगंज थाने के उपनिरीक्षक एवं प्रभारी थानाध्यक्ष राकेश पाल ने उन्हें ऐसा करने से मना किया। मौके पर पहुंचे ग्राम प्रधान के भाई से भी बेलगाम दरोगा उलझ गया। हद तो तब हो गई जब दरोगा ने यह कहते हुए वहां मौजूद मुस्लिम समुदाय के लोगों की पिटाई शुरू कर दी कि सरकार ने मना कर रखा है, तब ताजिया क्यों बना रहे हो? पीड़ितों का कहना है कि वहां न तो कोई ताजिया थी और न ही बनाई जा रही थी। दरोगा राकेश पाल मनगढ़ंत कहानी गढ़ते हुए तीन-चार लोगों को पकड़कर थाने ले आया और यहां पुलिसिया खातिरदारी की गई। दरोगा पर आरोप है कि वह सलमान व आबिद के घर में घुस गया और जो भी मिला उसकी पिटाई कर दी। थाने पर लाकर सभी को हवालात में डाल दिया। देर शाम सौदेबाजी के बाद पकड़कर लाए गए लोगों को छोड़ दिया गया लेकिन यह भी हिदायत दी गई कि कोई अपनी जुबान नहीं खोलेगा और न ही मोहर्रम मनाएगा। दरोगा की इस हिदायत का असर यह हुआ कि गांव का एक भी व्यक्ति मोहर्रम की सातवीं से लेकर दसवीं तक पुलिस के डर से घरों में दुबका रहा।
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