रजनीश/ज्ञान प्रकाश
करनैलगंज(गोंडा)। घाघरा नदी का रौद्ररूप तेजी से बढ़ता जा रहा है। बांध में कटान का सिलसिला भी कम नही हो रहा है। एल्गिन चरसडी बांध को बचाने की जद्दोजहद अभी जारी रही।
तीन दिनों से एसडीएम व सिंचाई विभाग के अधिकारी बांध पर कैम्प किये हुए हैं। अब तो नदी सीधे बांध से टकराने लगी है। बांध के बचाने के लिए युद्ध स्तर पर काम चल रहा है। फिलहाल अब बांध भगवान भरोसे ही चल रहा है। घाघरा के पानी का तेज बहाव कभी भी बांध को धरासाई कर सकता है। पहाड़ी क्षेत्रों सहित घाघरा के कैचमेंट इलाकों में हो रही बरसात के चलते शारदा, गिरिजा एवं सरयू बैराज से प्रतिदिन पानी छोड़े जाने से घाघरा नदी में उतार-चढ़ाव प्रतिदिन हो रहा है।
मौजूदा समय में चन्दापुर किटौली के पास नदी एल्गिन चरसड़ी बांध से सट कर बह रही है। बुधवार को सुबह 8 बजे घाघरा नदी खतरे का निशान 106.07 के बराबर चल रही है। फिर भी घाघरा कई दिनों से अपना उग्र रूप अख्तियार करते हुए सीधे बांध से टकराकर किलोमीटर 36.050 से 36.200 के बीच बांध को निशाना बना रही है। चन्दापुर किटौली गांव के पास अचानक आयी इस समस्या को देखते हुए बाढ़ खण्ड के अधिकारी व कर्मचारी सहित प्रशासन के लोग बचाव कार्य में लग चुके है। चन्दापुर किटौली के पास बने दो स्परों के बीच घाघरा ने विगत दिनों से बांध की ओर अपना रूख कर लिया था। पहले से ही बने स्परों को लेकर बाढ़ खण्ड किसी बड़ी परेशानी से वाकिफ न था। बांध से करीब 100 मीटर दूर बह रही घाघरा ने इस दूरी को मिटाते हुए कटान कर बांध से आ सटी। मौजूदा समय में नदी की धारा 60 डिग्री पर मुड़ कर दो स्परों के बीच बांध को सीधे निशाना बना रही है। बांध पर खतरे को देखते हुए बाढ़ खण्ड एक्सईएन वीएन शुक्ल, एसई त्रियम्बक त्रिपाठी, एई अमरेश सिंह व जेई सहित एसडीएम हीरालाल मौके पर पहुंच कर बचाव में लग चुके है। बांध को बचाने के लिए आवश्यक कदम उठाये जा रहे है। बार बार उठ रहे मसीना के चलते कटान रूकने का नाम नहीं ले रही है। बांध के स्लोप पर 8 मीटर की गहराई में कटान होने से बचाव कार्य में बाधा आ रही है। मौके पर मौजूद एसडीएम हीरालाल ने बताया कि बांध से सटकर नदी की धारा चल रही है। बांध को मजबूत करने का कार्य तेजी से कराया जा रहा है। नदी की कटान को रोकने के लिए भी प्रयास किये जा रहे हैं।
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