जर्जर मकान में चल रहा है अस्पताल,कभी भी हो सकते है बड़े हादसें
आलोक कुमार बर्नवाल
संतकबीरनगर। राजकीय होम्योपैथिक अस्पताल मेंहदावल इस समय खुद बीमार है ,बिल्डिंग की हालत जर्जर है कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है ,ना अस्पताल तक पहुँचने की सही सड़के है ,बॉउंड्री वाल चारों तरफ से गिर चुका है अस्पताल के सभी तरफ अव्यवस्थाओं का बोल बाला है यहाँ रोजाना नए - पुराने मरीज मिलाकर तीन दर्जन से अधिक आते है कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है।
मेंहदावल नगर के टड़वरिया मोहल्ले में स्थित राजकीय होम्योपैथिक अस्पताल अपने बदहाली के आंसू बहा रहा है। अव्यवस्था का बोल वाला है। मरीजों का इलाज करने वाला राजकीय होम्योपैथिक अस्पताल खुद बीमार है। बिल्डिंग की हालत जर्जर हो चुकी है ,बरसात में छत होने के बावजूद रिमझिम बारिश के दीदार हो जाते है रोजाना तीन दर्जन से अधिक मरीज इलाज के लिए पहुँच रहे है इसके बाद भी यहाँ की व्यवस्था जिम्मेदारों के नजर से दूर है ,ऐसा नही है कि अस्पताल के जिम्मेदारों ने इसकी सूचना नही दी इसकी सूचना दी लेकिन जिम्मेदार अधिकारियों ने अनसुनी कर दी । केवल जिम्मेदार बजाए व्यवस्था को ठीक करने के बजाए व्यवस्था को बेहतर करने के लिए विभाग को मीठी गोली दे रहे है। पिछले तीन वर्षों से पत्राचार व गुहार का दौर चल रहा है आश्वाशन पर आश्वाशन दिया जा रहा है लेकिन नतीजा सिफर है।
अब तो बहुत डर लगता है
मेंहदावल नगर के टड़वरिया मोहल्ले में राजकीय होम्योपैथिक अस्पताल बनाया गया पूरे तहसील क्षेत्र के लोग यहाँ इलाज कराने के लिए आते है,मगर बारिश के इस सीजन में जर्जर भवन और टपकती छत के साथ मरीजों का इलाज करना पड़ रहा है । फार्मासिस्ट रंजीत बताते है की मरीजों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है छत से टूटकर पपड़ी गिरती है कभी भी हादसा हो सकता है कुछ कहा नही जा सकता है मरीजों का इलाज डर के करना पड़ता है।
पिछले एक हफ्ते में आये मरीज
दिनांक। नए मरीज पुराने मरीज
19 जुलाई- 12 12
20 जुलाई - 19 19
21 जुलाई - 12 12
22 जुलाई - 10 10
23 जुलाई - 11 11
24 जुलाई - 10 10
26 जुलाई - 15 15
27 जुलाई - 18 18
क्या बोले कर्मचारी
फार्मासिस्ट रंजीत कुमार जायसवाल ने कहा की यहाँ की बदहाल व्यवस्था की शिकायत कई बार की गई है ,पिछले चार साल से शिकायत की जा रही है लेकिन कुछ नही हो रहा है।
एक टिप्पणी भेजें
0 टिप्पणियाँ