सुनील उपाध्याय
बस्ती।पशुधन प्रसार अधिकारी भर्ती घोटाले की जांच कर रही एसआइटी शुक्रवार को बस्ती पहुंची। टीम यहां भर्ती प्रक्रिया से जुड़े अधिकारियों,कर्मचारियों के अलावा तत्कालीन मंत्री राजकिशोर सिंह से पूछताछ करेगी। टीम दोपहर में यहां पहुंची और सबसे पहले अपर निदेशक पशुपालन कार्यालय में गई। यहां दो घंटे तक भर्ती से जुड़े अभिलेखों की जांच-पड़ताल की। एसआइटी तत्कालीन पशुपालन मंत्री राजकिशोर सिंह के चंगरेवा स्थित आवास पर भी गई, लेकिन वह नहीं मिले। टीम यहां से वैरंग वापस लौट आई।
सपा सरकार में वर्ष 2014-15 में पूरे प्रदेश में 1148 पशुधन प्रसार अधिकारियों की भर्ती के लिए 100 की बजाए 80 नंबरों की लिखित परीक्षा कराई गई थी। 20 नंबर इंटरव्यू के लिए निर्धारित किए गए थे। आरोप है कि इंटरव्यू के इन्हीं नंबरों के जरिए मनपसंद अभ्यर्थियों को पशुधन प्रसार अधिकारी के रूप में चयनित कराया गया था। बस्ती में इस पद पर पांच अभ्यर्थियों की नियुक्ति की गई थी। नियुक्ति प्रक्रिया पूरी होने के बाद चयन को लेकर सवाल उठे तो उच्चस्तरीय जांच शुरू हो गई। बस्ती में नियुक्ति प्राधिकारी तत्कालीन अपर निदेशक डा.जीसी द्विवेदी निलंबित कर दिए गए थे।लेकिन बाद में विभागीय जांच के बाद उनको बहाल कर दिया गया था।
दिसंबर 2017 में भर्ती घोटाले की जांच एसआइटी को दी गई। तीन साल पहले शुरू यह जांच कच्छप गति से चल रही थी। हाल ही में हाईकोर्ट की नाराजगी के बाद जांच प्रक्रिया में एक बार फिर तेजी आ गई है। शुक्रवार को दिन में दो सदस्यीय एसआइटी की जांच टीम बस्ती पहुंची। पशुपालन विभाग को जब इसकी जानकारी तब हुई, जब टीम अपर निदेशक कार्यालय में पहुंची। चर्चा है कि टीम दोपहर को सपा सरकार में पशुपालन मंत्री रहे राजकिशोर सिंह के गांव भी गई थी पर पूर्व मंत्री के मौजूद नहीं होने से मामले में जांच आगे न बढ़ सकी। टीम के सदस्य विनोद कुमार त्रिपाठी व अजय कुमार सिंह देर शाम तक बस्ती में ही रुके रहे।
मुख्य पशु चिकित्साधिकारी डा. एके तिवारी ने बताया कि एसआइटी की टीम बस्ती आई जरूर है, लेकिन उसके बारे में उन्हें कोई विशेष जानकारी नहीं है।
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