अखिलेश्वर तिवारी
बलरामपुर ।। कोरोना काल की शुरुआत से ही कहा जा रहा है कि कोरोना का खतरा सबसे अधिक बुजुर्गों और बच्चों को है, क्योंकि उनकी रोगों के प्रति प्रतिरोधक क्षमता कम होती है। विशेषज्ञों का भी मानना है कि तीसरी शहर में बच्चों के पॉजिटिव होने की भावना है। ऐसे में उनका खास ख्याल रखा जाना बहुत जरूरी है। स्वास्थ्य विभाग भी सेंटर पर आने वाले 18 वर्ष से कम उम्र के बच्चों की भी सैंपलिंग का कार्य कर रहा है। बच्चों को घर में रुके रहने की अपेक्षा करना थोड़ा मुश्किल है लेकिन ऐसी स्थिति में परिवार के सदस्यों को उनकी मदद करनी चाहिए।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. विजय बहादुर सिंह ने शनिवार को बताया कि जिले में कोरोना पॉजिटिव की संख्या लगातार कम हो रही है। इसके चलते जिले में एक बार फिर से अनलॉक की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। ऐसे में हमें स्वयं के साथ-साथ बच्चों का भी खास ख्याल रखना होगा। बहुत जरूरी हो तभी बच्चे को बाहर निकलने दें बाहर निकलने से पहले स्वयं के साथ-साथ बच्चे को मास्क लगाएं। हर किसी से दो गज की दूरी रखें। साथ में सैनिटाइजर रखें ताकि समय-समर पर सैनिटाइज कर सके। उन्होंने कहा कि पिछले करीब एक साल से स्कूल, कोचिंग बंद होने और परीक्षाएं नहीं होने से बच्चों में थोड़ी निराशा है लेकिन घर पर रहकर पढ़ाई करने से उन्हें माता-पिता का भी भरपूर सहयोग मिला है। सीएमओ ने बताया कि टीवी और फोन बंद करके बच्चों के साथ बेहतर रिश्ते बनाने का एक अच्छा मौका है। बच्चों के साथ क्वालिटी टाइम बिताना मुफ्त और मजेदार होता है। यह बच्चों को प्यार और सुरक्षा का एहसास दिलाता है, और यह दिखाता है कि वह आपके लिए कितने महत्वपूर्ण हैं।
बच्चों की सोच सकारात्मक बनाएं
क्लीनिकल साइकोलाॅजिस्ट डा. अशोक पटेल ने बताया कि घर में बच्चों के बीच सकारात्मकता का माहौल रखें। गाना गाए, चम्मच बर्तनों से संगीत बनाए। उनके चेहरे के भाव और आवाजों को दोहराएं। कप या ब्लॉक को एक के ऊपर एक रखें। किताब पढ़कर या चित्र दिखा कर एक कहानी बताएं। एक किताब पढ़ें और उसके सारांश को चित्रों की सहायता से बताए। उनको लेकर बाहर या घर के आसपास टहलने के लिए जाएं। प्राकृतिक चीजों के बारे में जानकारी दें और उसे दोहराएं। नृत्य और फ्रीजी खेले। एक साथ घर का काम करे, सफाई और खाना बनाने को एक खेल बनाएं। स्कूल के काम में मदद करें। उनकी पसंदीदा चीजें जैसे खेल, टीवी शो, उनके दोस्तों के बारे में बात करें। उनके साथ बाहर या घर के आसपास टहलने के लिए जाएं। साथ में कसरत, व्यायाम और योगा करें। हर समय साथ में खाना खाएं।
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