तरबगंज गोण्डा।गोण्डा जिले की तरबगंज सीएचसी बेलगाम हो गयी है जहाँ सारी स्वास्थ्य सेवाएं चरमरा सी गयी है इमरजेंसी में कोई व्यवस्था ना होने से रात में आने वाली प्रसूताओं को अंधेरे में रहना पड़ता है व मोवाईल की लाईट जलाकर प्रसव करवाया जारहा है।अस्पताल में लगा जनरेटर कागज में चलरहा है।स्वास्थ्य महकमे में लापरवाही व अनियिमताओं की पोल उस समय उजागर हो गयी जब मोबाइल के टॉर्च के सहारे रात में प्रसव कराते स्वास्थ्यकर्मी पाए गए।
उजाले के लिए वैकल्पिक रूप में खड़े साधन जनरेटर आदि सिर्फ दिखावे साबित हुए।
सीएचसी के जिम्मेदार अधीक्षक जनरेटर में डीजल तक की व्यवस्था करने में विफल साबित हुए।
बताते चले की मामला गोण्डा जिले के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र तरबगंज का है जहां बीते रात में प्रसव पीड़ा से बेहाल प्रसूता का प्रसव मोबाइल के सहारे कराना पड़ा।
इसके पहले प्रसव के लिए सीएचसी पहुंची सिंगहाचन्दा ऊंचे दुबरा से मालती पत्नी शिवमंगल ने अव्यवस्था के चलते वहाँ से खिसकने में ही अपनी भलाई समझा।
लेकिन रात के लगभग 11 बजे रामपुर टेंगरहा से आशा कर्मी के साथ आई नीरज मिश्रा जोकि प्रसव पीड़ा से विह्वल थी उन्हें मजबूरी में मोबाइल की लाइट के सहारे प्रसव कराना पड़ा।
अस्पताल में तैनात एएनएम द्वारा अधीक्षक को फोन कर जनरेटर चालू कराने की बात की गई लेकिन जनरेटर में तेल न होने की बात कह कर कोई सटीक जबाब व उचित व्यवस्था न देने पर किसी तरह प्रसव कराया गया।
उधर अस्पताल की बदहाल व्यवस्था को लेकर प्रसूता व उसके परिजनों ने नाराजगी जाहिर की है।उंन्होने कहा कि जिम्मेदारों को डीजल आदि की व्यवस्था दिन में ही करनी चाहिए जिससे रात में बिजली न होने पर उजाले की समस्या न हो।
क्या कहते है जिम्मेदार.
सीएचसी पर तैनात अधीक्षक धीरज तिवारी से जब अंधेरे में प्रसव कराने के संबंध में बात की गई तो उन्होंने गैर जिम्मेदाराना बयान देते हुए बताया की मोबाइल के उजाले के सहारे प्रसव हो तो गया। अब इतनी रात में डीजल कौन लाने जाएगा।
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