रजनीश /ज्ञान प्रकाश
करनैलगंज(गोंडा)। यहां तो सिर्फ पशु चिकित्सालय कागजों तक सीमित चल रहा है। पशु चिकित्सा विभाग में तैनात पशु चिकित्सा विभाग का कर्मचारी ठेकेदारी में मशगूल है और घर बैठे वेतन ले रहे है। दो वर्षों से इस उप पशु चिकित्सा केंद्र बरगदी कोट का ताला नहीं खुला और उसके अगल-बगल बड़ी-बड़ी घास उगी हुई है। क्षेत्र के पशुपालकों को अपने पशुओं का इलाज कराने के लिए 10 किलोमीटर दूर करनैलगंज जाना पड़ता है। अस्पताल के आसपास के लोगों की माने तो यहां पर तैनात कर्मचारी के रूप में पशुधन प्रसार अधिकारी हरीश सिंह यहां कभी नहीं आते हैं। बल्कि वे किसी दूसरे विभाग में ही ठेकेदारी का काम कर रहे हैं और यहां के पशुपालक विभाग द्वारा खोले गए इस पशु चिकित्सा केंद्र का कोई लाभ नहीं पा रहे हैं। इस अस्पताल में 2 वर्ष पहले एक परिवार रहता था। जिसके संबंध में खबर प्रकाशित करने के बाद विभाग ने उसे बाहर कर दिया, मगर अस्पताल कभी खुला नहीं। चिकित्सालय के आसपास बड़ी-बड़ी घास जमी हुई है। दरवाजे में लगा ताला और कुंडी जंग खा चुकी हैं। यह गवाह हैं कि करीब एक साल से उन्हें छुआ तक नहीं गया है। आसपास के लोगों ने बताया कि यह केवल नाम का अस्पताल है और कभी खुलता नहीं है। जबकि मजे की बात यह है कि विधायक कुंवर अजय प्रताप सिंह उर्फ लल्ला भैया के आवास बरगदी कोट से मात्र 200 मीटर की दूरी पर बने इस पशु चिकित्सालय में ताला लगा है। इस उप पशु चिकित्सालय के द्वारा क्षेत्र के पशुपालकों को मिलने वाली सुविधा शून्य हैं और पशुपालकों का दर्द उनसे जानकारी करने के बाद उनकी जुबां पर आ जाता है इस संबंध में जब पशुधन प्रसार अधिकारी हरीश सिंह से बात की गई तो उन्होंने पहले पूरी जानकारी लेते हुए बताया कि सिर्फ आपसे मिलना है आप कहां मिलेंगे। अस्पताल खुलने से संबंधित जानकारी मांगने पर वह चुप हो गए और मिलने की पेशकश की। वहीं मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी रविंद्र सिंह राठौर बताते हैं कि सेंटर खुलता तो है यह जानकारी मुझे मिली है और मैंने अभी जल्द में ही वहां का निरीक्षण किया था। पशुधन प्रसार अधिकारी उनसे मिले भी थे। मगर उन्होंने केंद्र बंद होने की बात को नजरअंदाज कर दिया।
एक टिप्पणी भेजें
0 टिप्पणियाँ